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मिट्टी में काम करते हुए समय जैसे स्थिर हो जाता है: सीरज सक्सेना

चित्रकार, सेरेमिक कलाकार सीरज सक्सेना के साथ कवि-संपादक राकेश श्रीमाल की बातचीत की किताब आई है ‘मिट्टी की तरह मिट्टी’। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब का एक अंश प्रस्तुत है- =================== मिट्टी में काम शुरू करने के बहुत पहले, यानी बचपन में मिट्टी से खेलते हुए, मिट्टी को भूमि …

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बापू की पहली और सर्वश्रेष्ठ जीवनियां कौन सी: विवेक शुक्ला

आज बापू की पुण्यतिथि है। उनकी अनेक जीवनियाँ लिखी गई हैं। उनकी जीवनियों को लेकर यह लेख लिखा है जाने माने पत्रकार श्री विवेक शुक्ला ने। विवेक जी चलते फिरते एनसाइक्लोपीडिया की तरह हैं। नवभारत टाइम्स में उनको रोज पढ़ना दिल्ली को नए सिरे से जानना होता है। आज बापू …

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सेक्स( जेंडर से इतर अर्थों में ), शिव, कामसूत्र और किन्नर समुदाय:

 युवा शोधार्थी प्रियंका नारायण बहुत सामान्य लगने वाले विषयों पर बहुत असामान्य ढंग से लिखती हैं। हिंदी में ऐसे युवा बहुत कम हैं जो परम्परा ज्ञान से भी समृद्ध हों। उदाहरण के लिए यह लेख पढ़िए- =================== सेक्स वैसे तो एक सहज प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है। यह जितना शारीरिक है …

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मेरा ब्लेजर किसी की उतरन नहीं है: श्वेता सिंह

श्वेता सिंह अपने जीवन अनुभवों को कहानी की शक्ल में लिखती हैं। रेडियो जॉकी रही हैं. बीबीसी, ऑल इंडिया रेडियो आदि संस्थानों में ब्रॉडकास्टिंग का अनुभव. इन दिनों The Energy and Resources Institute (TERI) के साथ जुड़ी हैं. अब जानकी पुल के लिए नियमित लिखा करेंगी। आज उनकी यह कहानी …

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किताबों और फिल्मों में कुछ शास्त्रीय और शाश्वत होते हैं, कुछ वक़्ती!

हिंदी में लोकप्रिय और गम्भीर साहित्य की बहस बहुत पुरानी रही है। इसी को अपने इस लेख में रेखांकित किया है युवा लेखिका सुदीप्ति ने। उन्होंने अनेक उदाहरणों के साथ अपनी बात रखी है, जो सोच-विचार और बहस की माँग करती है। इस विषय पर आपके विचार भी आमंत्रित हैं। फ़िलहाल …

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प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ की ग़ज़लें

प्रियदर्शी ठाकुर ख़याल इन दिनों अपने उपन्यासों के कारण चर्चा में हैं लेकिन वे मूलतः ग़ज़लगो रहे हैं। आइए उनकी कुछ चुनिंदा ग़ज़लें उनके आत्मकथ्य के साथ पढ़ते हैं- ======================     पेशलफ्ज़ सन् १९७५ से शेर कहता आ रहा हूँ , और इस बरस पचहत्तर का हो जाऊँगा l …

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‘ठाकरे भाऊ’ पुस्तक का एक अंश

आज भारतीय राजनीति के सबसे रहस्यमय नेताओं में एक बाल ठाकरे की 95 वीं जन्मतिथि है। वे कभी किसी पद पर नहीं रहे लेकिन मुंबई के सबसे शक्तिशाली नेता बने रहे। हिंदुत्ववादी राजनीति की एक मज़बूत धुरी रहे। उनके परिवार और विशेषकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की राजनीतिक यात्रा …

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‘अमेरिका 2020- एक बंटा हुआ देश’ पुस्तक का अंश

लेखक  अविनाश कल्ला की पुस्तक ‘अमेरिका 2020- एक बंटा हुआ देश’ दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र होने की दावेदारी करने वाले देश—अमेरिका—के राष्ट्रपति चुनाव का आँखों–देखा हाल बयां करने वाली किताब है।एक पत्रकार की चुनाव यात्रा के बहाने यह किताब अमेरिकी समाज की अनेक ऐसी अनजानी–अनदेखी सच्चाइयों को सामने लाती है, जो उसकी धारणाबद्ध, चमकीली और …

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सरकारी नौकरी उर्फ़ एटर्नल रेस्ट: सुरेन्द्र मोहन पाठक

  प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का व्यंग्य पढ़िए। आज जानकी पुल पर विशेष- ========================================== पहले जब मैं बेकार था तो कहा करता था कि कैसी भी नौकरी मिल जाये मुझे मंजूर होगी. ऊपर वाले के करम से आखिर नौकरी मिल गयी तो मैं उस से बेहतर नौकरी की ख्वाहिश …

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सुंदरता का दारुण दुख: इज लव एनफ सर?

आजकल फ़िल्म देखने के इतने माध्यम हो गए हैं कि कई बार अच्छी फ़िल्मों का पता ही नहीं चलता। ‘इज लव एनफ सर’ भी एक ऐसी ही फ़िल्म है। नेटफ़्लिक्स पर मौजूद इस फ़िल्म के बारे में मुझे पता भी नहीं चला होता अगर सुदीप्ति की लिखी यह टीप नहीं …

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