प्रदीपिका सारस्वत बहुत अलग तरह का गद्य लिखती हैं। जीवन के अनुभव, सोच सब एकमेक करती हुई वह कुछ ऐसा रचती हैं जो हमें अपने दिल के क़रीब लगने लगता है। लम्बे समय बाद उन्होंने कहानी लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ================ अपने बारे में कुछ बताओ? ‘मैं …
Read More »अखोनी- दिल्ली में पूर्वोत्तर की गाढ़ी खुशबू वाली फिल्म
12 जनवरी को नेटफ़्लिक्स पर एक फ़िल्म रिलीज हुई ‘अखोनी’। यह फ़िल्म एक संवेदनशील और अछूते विषय पर है, पूर्वोत्तर के लोगों के साथ उत्तर भारत में बर्ताव पर। इस फ़िल्म की समीक्षा लिखी है प्रीति प्रकाश ने। प्रीति असम के तेज़पुर विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य में पीएचडी कर रही …
Read More »घासलेटी आंदोलन : ‘अबलाओं का इन्साफ’ और अश्लीलता
‘अबलाओं का इंसाफ़’ शीर्षक से एक किताब चाँद कार्यालय से 1927 में प्रकाशित हुआ था। क्या वह किसी पुरुष का लिखा था? बनारसीदास चतुर्वेदी ने ‘घासलेटी साहित्य’ नामक आंदोलन चलाया था। वह क्या था? नैतिकता-अनैतिकता के इस बड़े विवाद पर एक दिलचस्प लेख लिखा है युवा शोधकर्ता सुरेश कुमार ने। …
Read More »पंखुरी सिन्हा की कहानी ‘मृग मरीचिका और कस्तूरी कथा’
पंखुरी सिन्हा की कहानियों ने इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक में आलोचकों-पाठकों सभी को प्रभावित किया था। वह कविताएँ भी लिखती हैं, हिंदी अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखती हैं और प्रकाशित हैं। यह उनकी नई कहानी है। समकालीन जीवन संवेदनाओं से लबरेज़। आप भी पढ़कर अपनी राय दें- =====================जब तक …
Read More »लालची हूहू की कहानी: मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे आजकल एक सीरीज़ लिख रही हैं ‘बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथा’, जिसमें पारम्परिक बोध कथाओं को लिख रही हैं और समकालीन संदर्भों में वे पोलिटिकल सटायर लगने लग रही हैं। सीरीज़ की दूसरी कथा पढ़िए- जानकी पुल ================================= बहुत दिन हुए एक घने जंगल …
Read More »वर्तमान में लोकप्रिय साहित्य का कोई मुकाम नहीं हैं: सुरेन्द्र मोहन पाठक
हिंदी के जाने माने लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक ने यह लेख लिखा है। 60 साल की लेखन यात्रा के अनुभवों से उन्होंने यह लिखा है कि हिंदी में लेखक होने का मतलब क्या होता है। जानकी पुल के पाठकों के लिए विशेष रूप से- जानकी पुल। ========= भारत में लेखन …
Read More »‘न हन्यते’ और ‘बंगाल नाइट्स’: एक शरीर दो आत्मा
मैत्रेयी देवी के उपन्यास ‘न हन्यते’ और मीरचा इल्याडे के उपन्यास ‘बंगाल नाइट्स’ के बारे में एक बार राजेंद्र यादव ने हंस के संपादकीय में लिखा था। किस तरह पहले बंगाल नाइट्स लिखा गया और बाद में उसके जवाब में न हन्यते। निधि अग्रवाल के इस लेख से यह पता …
Read More »अमेरिकी ब्लैक कवि जेरिको ब्राउन की कुछ कविताएँ
जेरिको ब्राउन अमेरिका के ब्लैक कवि हैं और समकालीन अमेरिकी कविता का एक महत्वपूर्ण नाम हैं। इस साल उनको अपने कविता संग्रह ‘ट्रेडिशन’ के लिए प्रतिष्ठित पुलिट्जर पुरस्कार दिया गया है। उसकी संग्रह से कुछ कविताएँ हिंदी अनुवाद में अनुवाद किया है कुमारी रोहिणी ने- जानकी पुल ======================= फूल …
Read More »वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ व गीत
भा.प्र.से. से जुड़े डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर भी हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है। प्रस्तुत है भीड़भाड़ से दूर रहने वाले कवि-लेखक वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ और गीत-जानकी पुल ======================================== १. मेरे जीवन …
Read More »आईनासाज़:परछाइयां और आहटें पकड़ने का अजब खेल
अनामिका के उपन्यास ‘आईनासाज़’ की कथा को लेकर बहुत लिखा गया है लेकिन उसके विजन को लेकर बात कम हुई है। राजीव कुमार की यह समीक्षा मेरे जानते इस उपन्यास की शायद पहली ही समीक्षा है जो ‘आईनासाज़’ के विजन की बात करती है, अमीर खुसरो, सूफ़ी परम्परा, स्त्री-पुरूष के रिश्ते, …
Read More »