19 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लेखक निकोलाय गोगोल की कहानी ‘नाक’ पढ़िए। मूल रूसी भाषा से अनुवाद किया है आ. चारुमति रामदास जी ने- मॉडरेटर ================= 25 मार्च को पीटर्सबुर्ग मे एक बड़ी अद्भुत घटना घटी. नाई इवान याकव्लेविच, जो वज़्नेसेन्स्की मोहल्ले में रहता था, उस दिन बड़ी सुबह जाग …
Read More »युवा कवयित्री अनुजीत इक़बाल की कविताएँ
अनुजीत इक़बाल मूलतः पंजाबी भाषी हैं। अंग्रेज़ी में लिखती हैं। क़रीब एक साल से हिंदी में भी कविताएँ लिख रही हैं। उनकी इन कविताओं को देखिए- मॉडरेटर ======================== प्रेम हे महायोगी जैसे बारिश की बूंदें बादलों का वस्त्र चीरकर पृथ्वी का स्पर्श करती हैं वैसे ही, मैं निर्वसन …
Read More »ब्रह्मन! अब मैथुनी सृष्टिकी रचना करो!
प्रियंका नारायण बीएचयू की शोध छात्रा हैं। किन्नर समुदाय के ऊपर उन्होंने उल्लेखनीय काम किया है। उनका यह लेख पुराणों के आधार पर भारतीय परम्परा में लैंगिकता की अवधारणा पर है। शोधपूर्ण और साहसिक। पढ़िएगा- ================================= त्रिदेवों के आलिंगन में ‘बलात्कार’ ( पुराण आधारित ) *** भारतीय संदर्भो में देखें …
Read More »मनोज कुमार पांडेय की कहानी “बिना ‘काम’ के जीवन”
मनोज कुमार पांडेय समकालीन कथाकारों में अपने राजनीतिक स्वर के कारण अलग से पहचाने जाते हैं। उनका कहानी संग्रह ‘बदलता हुआ देश’ राजकमल प्रकाशन से इसी साल प्रकाशित हुआ है। उसी संग्रह से एक कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ==================================== स्वर्णदेश के लोगों को ‘काम’ के बारे में बात करना बिलकुल भी …
Read More »युवा कवि अमित गुप्ता की कविताएँ
आज युवा कवि अमित गुप्ता की कविताएँ पढ़िए। हिंदी के सबसे सुदर्शन कवियों में एक अमित गुप्ता का एक कविता संग्रह ‘रात के उस पार’ प्रकाशित है। उनके कुर्ते के कलेक्शन को देख देख कर मैं प्रभावित होता रहता हूँ। उनकी छोटी छोटी कविताओं में से भी कुछ प्रभावित करती …
Read More »ये रौशनी में कोई और रौशनी कैसी
‘मौजूद की निस्बत से’ महेंद्र कुमार सानी का पहला शे’री मज्मूआ है जो रेख़्ता से प्रकाशित हुआ है । इसकी भूमिका प्रसिद्ध शा’इर और सम्पादक आदिल रज़ा मंसूरी ने लिखी है। उन्होंने सानी के मुख़्तलिफ़ तख़्लीक़ी पहलुओं पर इस तरह रौशनी डाली है कि क़ारी की अपेक्षाएँ बढ़ जाती हैं …
Read More »किताबें सुनने वालों के लिए एक अच्छी खबर
लॉकडाउन ने और कुछ किया हो या न किया हो एक काम यह किया है कि हिंदी में बड़े पैमाने पर सुनने वाले पाठक तैयार कर दिए हैं। ऑडियो बुक का बजार भारत में बढ़ने की सम्भावना बहुत बढ़ गई है। ऐसे में प्रसिद्ध ऑडियो बुक कम्पनी स्टोरीटेल भारतीय श्रोताओं …
Read More »उसके जाने से यथार्थ का जादू कुछ कम हो गया!
आज मार्केज़ की पुण्यतिथि है। जब उनका निधन हुआ था तो हिंदी के वरिष्ठ लेखक-कवि-पत्रकार प्रियदर्शन ने उनके साहित्य का मूल्यांकन करते हुए यह लेख लिखा था। आज याद आया तो साझा कर रहा हूँ। मौक़ा मिले तो पढ़िएगा। बहुत से सूत्र मिलेंगे- मॉडरेटर =============== एक लड़की थी- फ्राउड फ्रेरा। …
Read More »तरुण भटनागर के उपन्यास ‘बेदावा’ का एक अंश
तरुण भटनागर के लेखन से हम सब अच्छी तरह परिचित रहे हैं। यह उनके नए उपन्यास ‘बेदावा’ का अंश है। यह उपन्यास उनके अपने लेखन में भी एक भिन्न प्रकृति का उपन्यास है। राजकमल से प्रकाशित इस उपन्यास का आप अंश पढ़िए- मॉडरेटर ============================= ख़ामोशियों की बेहयाई तो इश्क़ की …
Read More »विराट के लेखक की आत्मकथा के बहाने
आज गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर विजय शर्मा ने उनकी आत्मकथा ‘लिविंग टु टेल द टेल’ पर लिखा है। बीस साल पहले प्रकाशित इस आत्मकथा के बाद मार्केज़ के जीवन और साहित्य पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है। उनकी आधिकारिक-अनाधिकारिक जीवनियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। …
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