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शिरीष कुमार मौर्य के नए कविता संग्रह ‘रितुरैण’ से कुछ कविताएँ

शिरीष कुमार मौर्य का नया कविता संग्रह राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है-रितुरैण। शिरीष जी मेरी पीढ़ी के उन कवियों में हैं जिनको आरम्भ से ही मैंने पढ़ा है और उनके भाव तथा कहन को बेहद पसंद करता आया हूँ। उनकी कविताओं का अपना ऋतु है अपने परिवर्तन है। दिल्ली …

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अर्चना लार्क की कुछ कविताएँ

आज युवा कवयित्री अर्चना लार्क की कविताएँ पढ़िए। कुछ अनछुए विषय, अनछुए भाव कविता में ले आना भी उपलब्धि होती है। इतनी कविताएँ लिखी जा रही हैं उनमें अलग से पहचानी जाने वाली कविताएँ हैं अर्चना लार्क की- मॉडरेटर ============================ राख हो चुकी लड़की   शब्द शून्य हो रहे आवाज़ …

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विशाल फैली पहाड़ियों ने नीला कंबल ओढ़ लिया है

युवा कवयित्री अनामिका अनु ने केरल में 12 साल में एक बार खिलने वाले फूल नीलकुरिंजी की कथा लिखी है- मॉडरेटर ========================                         नीलाकुरिंजी कल मुन्नार के चाय बगान में दौड़ती किसी लड़की को एक आदमी “नीला नीला” कहकर पुकार रहा था।उस नन्ही-सी लड़की के खिले चेहरे को देखकर मेरे …

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अनघ शर्मा की कहानी सुनिए द्वारिकाधीश! ये शोक है…’

हिंदी के युवा कथाकारों में अनघ शर्मा का अपना मुहावरा है, अपना कथालोक है, जिसके रेशों को वे बहुत बारीकी से बुनते हैं। अपनी कहानियों में जितने प्रयोग वे करते हैं उतने शायद ही कोई और करता हो। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर =================== सुनिए द्वारिकाधीश! ये शोक है… …

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सफ़र के साथ सफ़र की कहानियाँ होंगी/ हर एक मोड़ पे जादू-बयानियाँ होंगी

हाल में ही जानी मानी लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ की यात्रा पुस्तक आई है ‘होना अतिथि कैलाश का’। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस किताब पर यह टिप्पणी लिखी है लेखिका-अनुवादिका रचना भोला यामिनी ने- मॉडरेटर =========================== होना अतिथि कैलाश का— क्या कैलाश का अतिथि होना इतना सहज धरा है\ औघड़ …

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ईशान त्रिवेदी की कहानी ‘कंदील’

ईशान त्रिवेदी फ़िल्मी जगत के जाने माने नाम हैं। उनका पहला उपन्यास ‘पीपलटोले के लौंडे’ राजकमल प्रकाशन समूह से आया है। उनकी क़िस्सागोई और कथाभूमि दोनों प्रभावित करते हैं। जैसे कि इस कहानी में- मॉडरेटर =============== कंदील मेरी दादी की सबसे अच्छी दोस्त टुइंयाँ दादी विधवा और बहुत गरीब थीं। …

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विश्व पुस्तक मेला का सरप्राइज़ पैक रहा हिंद पॉकेट बुक्स

विश्व पुस्तक मेला समाप्त हो गया। आख़िरी तीन दिनों में लगभग सभी प्रकाशकों के लिए मेला अच्छा रहा। हमेशा की तरह राजकमल प्रकाशन ने अपने पंडाल, अपने कार्यक्रमों से मेले में माहौल बनाए रखा। राजकमल की होड़ और किसी से नहीं अपने आप से ही आगे निकलने की है, और …

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‘एसिड पहले दिमाग में घुलता है तभी तो हाथ में आता है’

छपाक एक ऐसी फ़िल्म है जिसको गम्भीर लोगों ने अपने विषय के लिए पसंद किया। हर फ़िल्म व्यवसायिक सफलता-असफलता के लिए बनाई नहीं जाती है बल्कि कुछ फ़िल्मों के निर्माण के पीछे वजह होती है किसी बड़ी समस्या के ऊपर ध्यान आकर्षित करना। ‘एसिड अटैक’ ऐसी ही एक गम्भीर बुराई …

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ईशान त्रिवेदी के उपन्यास ‘पीपलटोले के लौंडे’ का एक अंश

ईशान त्रिवेदी फ़िल्मी दुनिया के चंद इल्मी लोगों में हैं जो बहुत अच्छा लिखते हैं और जिनका लेखन अपने साथ बहा ले जाता है। जानकी पुल पर उनकी कई कहानियाँ हम पढ़ चुके हैं। अभी उनका उपन्यास राजकमल प्रकाशन समूह से आया है ‘पीपलटोले के लौंडे’। प्रेम और अपराध कथा …

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वीरू सोनकर की नई किताब: नई कविता

वीरू सोनकर युवा कवियों में एक ऐसे कवि हैं जिनका अपना विशाल पाठक वर्ग है। सोशल मीडिया के सबसे सक्रिय कवियों में एक अच्छे कवि वीरू का कविता संग्रह आया है ‘मेरी राशि का अधिपति एक सांड है’। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब के बहाने वीरू सोनकर की एक …

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