Home / Featured (page 84)

Featured

Featured posts

अगर पेरिस बेहतरीन रेड वाइन है तो रोम बहुत ही पुरानी व्हिस्की

आशुतोष भारद्वाज हिंदी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन करते हैं और उन समकालीन दुर्लभ लेखकों में हैं जो समय के चलन से हटकर लिखते हैं और इसके लिए समादृत भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकारिता के बूते चार बार रामनाथ गोयनका पुरस्कार से नवाज़े जा चुके आशुतोष शिमला …

Read More »

प्रदीपिका सारस्वत की कविताएँ और कश्मीर

प्रदीपिका सारस्वत कश्मीर में लम्बा समय बिताकर अभी हाल में लौटी हैं। कुछ कविताओं में घाटी के दिल के दर्द को महसूस कीजिए- मॉडरेटर =======================   कश्मीर पर तीन कविताएँ       ऑप्रेसर     मैं एक व्यक्ति थी मेरा एक नाम था, एक चेहरा उसी की तरह मैं …

Read More »

कुश वैष्णव की कहानी ‘जान में जान’

कुश वैष्णव इतने सारे काम करते हैं कि हमें ध्यान ही नहीं रहता कि वे लेखक भी हैं। पढ़िए उनकी कहानी- मॉडरेटर ================= जान में जान आयी थी। मतलब हमारी जान में। मतलब कि हमारी जान ‘प्रेगनेंट’ थी और हम टेंशन में थे। सुबह जब साढ़े सात बजे फ़ोन की …

Read More »

अनघ शर्मा की कहानी ‘बीच समंदर मिट्टी है’

अनघ शर्मा युवा लेखकों में सबसे अलग हैं। ना किसी होड़ में, ना किसी दौड़ में। ठहर ठहर कर लिखते हैं और इस गहराई से लिखते हैं कि आप उनकी प्रेम कहानी पढ़ते हुए प्रेम को जीने के भ्रम में पड़ सकते हैं। अब इस कहानी को ही लीजिए देश …

Read More »

रूसी लेखक सिर्गेइ नोसव की कहानी ‘छह जून’

रूसी भाषा के लेखक सिर्गेइ नोसव की इस कहानी के बारे में अनुवादिका आ. चारुमति रामदास का कहना है कि यह एक ख़तरनाक कहानी है, सच में बहुत रोमांचक। मूल रूसी से अनूदित इस कहानी का आनंद लीजिए- मॉडरेटर ======================= मुझसे कहा गया है, कि मैं इस जगह को भूल …

Read More »

हम क्या से क्या नहीं कर गुजरते हैं अपने प्रॉमिस लैंड की तलाश में!

पूनम दुबे के यात्रा-संस्मरणों का अपना ही मज़ा है। हर बार उनके लिखे में एक न एक कहानी होती है। इस बार बेल्जियम है और एक कहानी-मॉडरेटर =============================== बेल्जियम के एक छोटे से शहर घेंट के बस डिपो पर बैठे हम इंतजार कर रहे थे अपनी बस के आने का. …

Read More »

हृषीकेश सुलभ के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास ‘अग्निलीक’ का अंश

हृषीकेश सुलभ हिंदी के उन चुनिंदा लेखकों में हैं जो लोक और शास्त्र दोनों में सिद्ध हैं। उनका पहला उपन्यास ‘अग्निलीक’ प्रकाशित होने वाल है। यह उपन्यास घाघरा नदी के आसपास के गाँवों के इतिहास-वर्तमान की कथा के बहाने बिहार की बदलती जातीय-राजनीतिक संरचना की कथा कहता है। उनकी कहानियों …

Read More »

रमाकांत जी की ऊर्जा हमारे मध्य सदैव रहेगी

कल अचानक प्रसिद्ध ध्रुपद गायक रमाकान्त गुंदेचा का निधन हो गया। उनकी गायकी कि याद करते हुए प्रवीण झा ने बहुत सारगर्भित लेख लिखा है- मॉडरेटर ======================= आम लोगों के लिए हिंदुस्तानी संगीत सुनने की शुरुआत अक्सर जबरदस्ती ही होती है। यह ‘कल्ट’ बनाने वाला मामला होता है कि एक …

Read More »

एक सितारे की तरह थीं सितारा देवी

आज सितारा देवी का जन्मदिन है। इस मौक़े पर राजेंद्र शर्मा का यह लेख पढ़िए-मॉडरेटर =================== ============================= जिसके नृत्‍य से भावाभिभूत होकर महज सोलह साल में गुरुदेव रवीन्‍द्र नाथ टैगोर ने उन्‍हें नृत्‍य सम्राज्ञी की उपाधि दे दी हो उसे भला भारत सरकार का पद्मविभूषण सम्‍मान क्‍योंकर स्‍वीकार्य होता। यही …

Read More »

हारना नागार्जुन की फितरत में नहीं था

तारानंद वियोगी ने राजकमल चौधरी की बहुत अच्छी जीवनी लिखी थी, आजकल नागार्जुन की जीवनी लिख रहे हैं। अभी दो दिन पहले नागार्जुन की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ पटना में उन्होंने नागार्जुन पर बहुत अच्छा लेख लिखा था। जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए- मॉडरेटर ========== बिहार की …

Read More »