आज उदय प्रकाश जी का यह लेख ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में आया है। दीवाली के बहाने एक सारगर्भित लेख, जिन लोगों ने न पढ़ा हो उनके लिए- मॉडरेटर ========================== जो लोग जरा-सा भी देश के पर्वों-त्योहारों की परंपरा, उनकी जड़ों, उनके इतिहास का ज्ञान रखते हैं, वे बिना उलझन कहेंगे कि …
Read More »मार्गरेट एटवुड की कविताएँ
======== मेरी तस्वीर इसे कुछ समय पहले ही खींचा गया था पहली बार देखो तो तस्वीर में अस्पष्ट व धुंधली रेखाएँ और धूसर रंग ही दिखते हैं फिर ज़रा ध्यान से देखो तो बाएँ हाथ के कोने पर देवदार की शाख़ उभरती सी नज़र आती है दाईं तरफ अधरस्ते में …
Read More »सोनी पाण्डेय की कहानी ‘सलम – बाई’
युवा लेखिकाओं में सोनी पाण्डेय का नाम जाना पहचाना है और यह उनकी एक चर्चित कहानी है- मॉडरेटर ============================== यह कहानी स्त्रियों की अकथ प्रेम की पीर सी चुभती रही है।घूँघट की ओट से ताकती नवेली दुल्हनों के आँख में ओस की बूँद सी अटकी नैहर के प्रेम की पीर …
Read More »रूह संग खिल कर मैत्रेय की, सखि री मैं तो बादल हुई
यात्राएँ सिर्फ़ भौतिक नहीं होती हैं रूह की भी होती हैं। रचना भोला यामिनी को पढ़ते हुए यह अहसास होता है। पढ़िए लेह यात्रा पर उनका संस्मरण- मॉडरेटर ====================== हे मैत्रेय !… सफ़र सफ़र मिरे क़दमों से जगमगाया हुआ तरफ़ तरफ़ है मिरी ख़ाक-ए-जुस्तुजू रौशन -सुल्तान अख़्तर यात्राएँ कभी …
Read More »अज़हर फ़राग़ की शायरी
हाल में ही ‘सरहद के आर-पार की शायरी’ ऋंखला के तहत राजपाल एंड संज प्रकाशन से कुछ किताबों का प्रकाशन हुआ जिसमें एक जिल्द एक जिल्द में एक हिंदुस्तानी और एक पाकिस्तानी शायर की शायरी है। संपादन किया है तुफ़ैल चतुर्वेदी ने। मैंने इसमें पहली बार अज़हर फ़राग़ की ग़ज़लें …
Read More »‘मैंने मांडू नहीं देखा’ को पढ़ने के बाद
कवि यतीश कुमार ने हाल में काव्यात्मक समीक्षा की शैली विकसित की है। वे कई किताबों की समीक्षा इस शैली में लिख चुके हैं। इस बार उन्होंने स्वदेश दीपक की किताब ‘मैंने मांडू नहीं देखा’ पर लिखी है। यह किताब हिंदी में अपने ढंग की अकेली किताब है और इसके …
Read More »ईशान त्रिवेदी की नई कहानी ‘उड़न’
ईशान त्रिवेदी की कहानियाँ एडिक्टिव होती हैं- एक पढ़िए तो दूसरी पढ़ने की तमन्ना जाग उठती है। यह उनकी नई कहानी है उनके आत्मकथ्य के साथ- ‘जो हाथ आया वो पढ़ लिया’ वाले अंदाज़ में बचपन से खासी जवानी तक काफी कुछ पढ़ लिया था। गुंटर ग्रास से लेके पैकेट्स …
Read More »संपूर्ण क्रांति के बजाय हम विपरीत क्रांति के काले बादल देखते हैं
आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है। उनकी किताब ‘मेरी जेल डायरी’ पढ़ रहा था। चंडीगढ़ जेल में जेपी ने यह डायरी मूल रूप से अंग्रेज़ी में लिखी थी जिसका हिंदी अनुवाद डॉक्टर लक्ष्मीनारायण लाल ने किया था और तब राजपाल एंड संज ने इसको प्रकाशित किया था। डायरी में …
Read More »महात्मा गांधी के बारह दूत
रामचंद्र गुहा के इस लेख का अनुवाद ‘हंस’ के नए अंक में प्रकाशित हुआ है। अनुवाद मैंने किया है- प्रभात रंजन ================================= कई साल पहले जब मैं नेहरू स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय में काम कर रहा था तो मुझे किसी अज्ञात तमिल व्यक्ति का पोस्टकार्ड मिला जो उसने महान भारतीय …
Read More »पुरुष थमाते है स्त्री के दोनों हाथों में अठारह तरह के दुःख
दुर्गा के बहाने कुछ कविताएँ लिखी हैं कवयित्री विपिन चौधरी ने. एक अलग भावबोध, समकालीन दृष्टि के साथ. कुछ पढ़ी जाने वाली कविताएँ- जानकी पुल. ================================== 1 एक युग में ब्रह्मा, विष्णु, शिव थमाते है तुम्हारे अठारह हाथों में अस्त्र शस्त्र राक्षस वध की अपूर्व सफलता के लिये सौंपते हैं शेर की नायाब सवारी कलयुग में पुरुष थमाते है …
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