Home / Featured (page 94)

Featured

Featured posts

गीताश्री की कहानी ‘लिच्छवि राजकुमारी’

प्राचीन भारत में रूपवती और गुणवती स्त्रियों के समक्ष जो समस्या थी वही आज भी है- उसे समझने वाला पुरुष कहाँ मिलेगा? प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री ने प्राचीन भारत की इस कथा के माध्यम से इसी ओर ध्यान दिलाया है। बहुत प्रासंगिक कहानी है- मॉडरेटर ========================================== लिच्छवि राजकुमारी की सुंदरता, विद्वता …

Read More »

 लेह, ले मेरा दिल

रचना भोला यामिनी जानी मानी अनुवादिक हैं और ‘मन के मंजीरे’ जैसी किताब की लेखिका हैं जो अपनी तरह की अकेली किताब है हिंदी में जिसमें जीवन, दर्शन सब जैसे शब्दों की लड़ियों में पिरो दिए गए हों। यह उनका यात्रा संस्मरण है जो लेह पर है- मॉडरेटर ===================================== यात्रा …

Read More »

भगवंत अनमोल के उपन्यास ‘बाली उमर’ का एक अंश

‘ज़िंदगी 50-50’ जैसे चर्चित उपन्यास के लेखक भगवंत अनमोल का अगला उपन्यास ‘बाली उमर’ राजपाल एंड संज से इस महीने के आख़िर में आने वाला है। फ़िलहाल उसका एक छोटा सा अंश पढ़िए और ‘बाली उमर’ को महसूस कीजिए- मॉडरेटर ======================== भगवंत अनमोल बेस्टसेलिंग युवा लेखक हैं . वह उन …

Read More »

पीढ़ियों से लोकमन के लिए सावन यूं ही मनभावन नहीं रहा है सावन  

प्रसिद्ध लोक गायिका चंदन तिवारी केवल गायिका ही नहीं हैं बल्कि गीत संगीत की लोक परम्परा की गहरी जानकार भी हैं, विचार के स्तर पर मज़बूती से अपनी बातों को रखती हैं। कल से सावन शुरू हो रहा है, सावन में गाए जाने वाले गीतों की परम्परा को लेकर उनका …

Read More »

मेरी हिम्मत देखना मेरी तबीयत देखना

अग्रज और बाज़ौक शायर पवनजी ने जब ‘पालतू बोहेमियन’ पर मुझे रुक्के में लिखकर भेजा और इस ताक़ीद के साथ लिखकर भेजा कि ग़ालिब का एक मिसरा तुमने बहर से बाहर लिख दिया है और कमबख़्त उसी को शीर्षक भी बना दिया। उनकी यह शायराना टिप्पणी सबसे अलग थी लेकिन जानकी …

Read More »

आलोक मिश्रा की ग़ज़लें

आज पढ़िए युवा शायर आलोक मिश्रा की कुछ ग़ज़लें- त्रिपुरारी =============================== 1 तुम्हारे साये से उकता गया हूँ मैं अपनी धूप वापस चाहता हूँ कहो कुछ तो ज़ुबाँ से बात क्या है मैं क्या फिर सेे अकेला हो गया हूँ मगर ये सब मुझे कहना नहीं था न जाने क्यों …

Read More »

आ. चारुमति रामदास की कहानी ‘ऐसा भी होता है!’

आ. चारुमति रामदास हैदराबाद में प्रोफ़ेसर रही हैं। रूसी भाषा से उन्होंने अनेक कहानियों का हिंदी में अनुवाद किया है जिसमें मिखाईल बुलगाकोव का उपन्यास ‘मास्टर एंड मार्गरीटा’ भी है। आज उनकी एक छोटी सी कहानी जो कुछ कुछ जादुई यथार्थवाद जैसी है। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ======================= हम समुन्दर …

Read More »

वैशाली की कन्या और कमल के फूल

वरिष्ठ लेखिका गीताश्री आजकल वैशाली के भग्नावशेषों में बिखरी प्राचीन कथाओं की खोज कर रही हैं। यह उस ख़ज़ाने की पहली कहानी है- =================================== वैशाली के खंडहरो में जाने कितनी प्रेम कथाएं सांसें लेती हैं। उन कथाओं के नाम कई स्तूप हैं। कुछ तो नष्ट हो गए, कुछ अब भी …

Read More »

त्रिलोक नाथ पांडेय की जासूसी कहानी ‘आस्था’

भारत सरकार के गुप्तचर ब्यूरो में बहुत वरिष्ठ पद से सेवानिवृत्त त्रिलोक नाथ पाण्डेय अब साहित्य-साधना में लग गए हैं. राजकमल प्रकाशन से अभी हाल में आये इनके उपन्यास ‘प्रेमलहरी’ ने काफी ख्याति अर्जित की है. चाणक्य के जासूसी कारनामों पर आधारित उनका शोधपरक ऐतिहासिक उपन्यास शीघ्र ही आने वाला …

Read More »

मार तमाम के दौर में ‘कहीं कुछ नहीं’

मैंने अपनी पीढ़ी के सबसे मौलिक कथाकार शशिभूषण द्विवेदी के कहानी संग्रह ‘कहीं कुछ नहीं’ की समीक्षा  ‘हंस’ पत्रिका में की है। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह की समीक्षा हंस के नए अंक में प्रकाशित हुई है। जिन्होंने न पढ़ी हो उनके लिए- प्रभात रंजन सन 2000 के बाद …

Read More »