Home / Featured (page 97)

Featured

Featured posts

क्या मार्क्सवाद ने सचमुच हिंदी साहित्य का भारी नुक़सान कर दिया?

हिंदी पत्रकारिता में दक्षिणपंथ की सबसे बौद्धिक आवाज़ों में एक अनंत विजय की किताब ‘मार्क्सवाद का अर्धसत्य’ ऐसे दौर में प्रकाशित हुई है जब 2019 के लोकसभा चुनावों में वामपंथी दलों की बहुत बुरी हार हुई है, वामपंथ के दो सबसे पुराने गढ़ केरल और पश्चिम बंगाल लगभग ढह चुके …

Read More »

सौम्या बैजल की कहानी ‘ख़त’

युवा लेखिका सौम्या बैजल की छोटी छोटी कहानियाँ और कविताएँ हम लोग पढ़ते रहे हैं। इस बार अरसे बाद उनकी कहानी आई है, छोटी सी प्रेम कहानी- मॉडरेटर ======================================= ख़त ‘उस दिन जब तुमसे पहली बार मिली थी, तो यह नहीं सोचा था की इतने करीब हो जाएंगे। और आज …

Read More »

तुम अगर हो तो तुम्हारे होने की आवाज़ क्या हो- नवीन रांगियाल की कविताएँ

मार तमाम लिखा जा रहा है फिर भी कुछ नया ताज़ा पढ़ने को मिल ही जाता है। नवीन रांगियाल की कविताओं, शैली ने बहुत प्रभावित किया। इंदौर निवासी इस कवि की कुछ कविताएँ आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ==================     सारी दुनिया उसकी लिखी हुई एक साज़िश है   आमतौर …

Read More »

स्वयं प्रकाश की पुस्तक ‘धूप में नंगे पाँव’ का एक अंश

जाने माने लेखक स्वयं प्रकाश की आत्मकथात्मक क़िस्सों की किताब राजपाल एंड संज प्रकाशन से आई है- ‘धूप में नंगे पाँव।’ उसी किताब के कुछ रोचक अंश पढ़िए- मॉडरेटर ============================= जो कहा नहीं गया -१ ================= मैंने सन १९६६ मे जावरा पोलिटेक्निक  कोलेज से मेकेनिकल इंजीनिअरिंग में डिप्लोमा कर लिया …

Read More »

इस्तांबुल से कोपेनहेगन

पूनम दुबे के यात्रा वृत्तांत हम जानकी पुल पर पढ़ते रहे हैं। हाल में ही वह इस्तांबुल से कोपेनहेगन गई हैं। यह छोटा सा यात्रा संस्मरण उसी को लेकर। हाल में ही पूनम का उपन्यास आया है प्रभात प्रकाशन से ‘चिड़िया उड़’, जो उनकी अपनी जीवन यात्रा को लेकर है- …

Read More »

‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’ की घोषणा

बिहार के प्रतिष्ठित ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’ की घोषणा हो गई है। यह सम्मान एक ज़माने में बिहार में समकालीन रचनाशीलता का प्रतिष्ठित पुरस्कार था। कभी मेरे प्रिय लेखकों आलोक धन्वा और सुलभ जी को भी मिल चुका है। इस बार भी कुछ प्रिय लेखों को मिला है- मॉडरेटर ====================== …

Read More »

पूजा त्रिपाठी की कहानी ‘बैंगनी फूल’

आज ईद के मौक़े पर पढ़िए पूजा त्रिपाठी की कहानी ‘बैंगनी फूल’– मॉडरेटर ====================================== बैंगनी फूल “क्या बकवास खाना है यार, इसे खायेगा कोई कैसे” विशाल ने टिफ़िन खोलते ही कहा. “ अगर ४ दिन और ये “खाना खाना पड़ा तो मुझसे न हो रही इंजीनियरिंग, मैं जा रहा वापस …

Read More »

सुषमा गुप्ता की कहानी ‘मेरी पीठ पर लिखा तुम्हारा नाम’ 

सुषमा गुप्ता एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में प्रबंध निदेशिका हैं। इनकी कहानियाँ, कविताएँ प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। अभी हाल में इनकी एक कहानी ‘नया ज्ञानोदय’ में भी आई है। जानकी पुल पर यह लेखिका की पहली कहानी है- मॉडरेटर ================================= मेरी पीठ पर लिखा तुम्हारा नाम  वहाँ …

Read More »

‘अंडरवर्ल्ड के चार इक्के’ मुंबई के माफ़िया जगत की प्रामाणिक बयानी है

मुंबई में जितना ग्लैमर फ़िल्मों का है उससे कम ग्लैमर माफ़िया जगत का नहीं है। 1960-70 के दशक में कई बड़े माफ़िया सरदार ऐसे हुए जिनके क़िस्से देश भर में सुने सुनाए जाते थे। अभी ‘अंडरवर्ल्ड के चार इक्के’ किताब के बारे में सुना तो कई किस्से याद आ गए। …

Read More »

प्रवीण झा और उनकी किताब ‘कुली लाइंस’

‘कुली लाइंस’ पढ़ते हुए मैं कई बार भावुक हो गया। फ़ीजी, गुयाना, मौरिशस, सूरीनाम, नीदरलैंड, मलेशिया, दक्षिण अफ़्रीका, युगांडा, जमैका आदि देशों में जाने वाले गिरमिटिया जहाजियों की कहानी पढ़ते पढ़ते गले में काँटे सा कुछ अटकने लगता था। इसीलिए एक साँस में किताब नहीं पढ़ पाया। ठहर-ठहर कर पढ़ना …

Read More »