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कुछ-कुछ सीखना और बहुत कुछ न सीख पाना: व्योमेश शुक्ल

कवि व्योमेश शुक्ल ने अपनी रंग-यात्रा पर बहुत अच्छा लिखा है. इससे किसी भी कलाकार की यात्रा, उसकी जद्दोजहद, उसके संघर्ष को समझा जा सकता है. ‘रंग प्रसंग’ से साभार- मॉडरेटर =========================================== कभी-कभी अपनी जाँच ख़ुद ही करनी होती है. दूसरों के मुँह से अपनी और अपने कामकाज की तारीफ़ …

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‘काला’ प्रतिपक्ष का वितान रचती एक सुंदर फिल्म है

‘काला’ फिल्म पर एक अच्छी टिप्पणी लिखी है युवा लेखक मनोज मल्हार ने- मॉडरेटर ==================================================     निर्देशक पा. रणजीत एक निर्देशक के रूप में बहुत सारे अन्य निर्देशकों से शैली के मामले में बहुत अलग नहीं दिखते. ‘कबाली’ और अब ‘काला’ में दृश्य संयोजन, चरित्र, एक्शन, इमोशन बहुत सारे अन्य …

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‘गांधी की मेजबानी’ पुस्तक से एक अंश

रज़ा पुस्तकमाला श्रृंखला के अंतर्गत राजकमल प्रकाशन से कई नायाब पुस्तकों का प्रकशन हुआ है, दुर्लभ भी. इनमें एक पुस्तक ‘गांधी की मेजबानी’ भी है. मूल रूप से यह पुस्तक अंग्रेजी में मुरिएल लेस्टर ने लिखी है. गांधी की यूरोप यात्राओं के दौरान उनको महात्मा गांधी की मेजबानी का मौका …

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संजू शब्दिता के सौ शेर

जैसे गर्मी में बारिश से राहत मिलती है वैसी ही राहत दिल कि बेचैनी को शायरी पढने से मिलती है. संजू शब्दिता के शेर आप सब फेसबुक पर पढ़ते रहे हैं. आज उनके सौ शेर एक साथ पढ़िए ======================================== १ मैंने बस प्यास संभाले रक्खी ख़ुद ब ख़ुद दरिया मेरे …

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विक्टर श्क्लोव्स्की (1893-1984) के उपन्यास “ज़ू या (अ)प्रेम पत्र” से एक अंश

चारुमति रामदास जी हैदराबाद के रूसी भाषा विभाग से सेवानिवृत्त हुई. रूसी से उन्होंने हिंदी में काफी अनुवाद किये हैं. आज एक रोचक अंश विक्टर श्क्लोव्स्की के उपन्यास से- मॉडरेटर =======================================   लेखकीय प्रस्तावना यह पुस्तक इस तरह से लिखी गई. सबसे पहले तो मैंने सोचा कि रूसी-बर्लिन के बारे में …

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रुस्तम की बारह कविताएँ

रुस्तम जी की कविताओं का स्वर हिंदी की प्रचलित समकालीन कविता से भिन्न है. वे मूलतः दार्शनिक हैं और उनके लिए कविताएँ सोचने, विचार प्रकट करने का ही एक ढंग है. रुस्तम जी की विचार कविताओं में एक तरह की लयात्मकता है जो बहुत विरल गुण है. आज बहुत दिनों …

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आपने ‘श्योरली, यू आर जोकिंग मिस्टर फ़ाइनमैन’ पढ़ी है?

यह साल फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड फ़िलिप्स फ़ाइनमैन की जन्म शताब्दी का साल है. उनके ऊपर एक रोचक लेख लिखा है जानी मानी लेखिका विजय शर्मा ने- मॉडरेटर ========================================  फ़िलिप्स फ़ाइनमैन से मेरा परिचय मेरे एक प्रिंसीपल फ़ादर हेस ने कराया था। फ़ाइनमैन से पहले मैं फ़ादर …

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कलाकार का मन कवि-मन होता है

जाने-माने शिल्पकार-चित्रकार सीरज सक्सेना हिंदी के अच्छे, संवेदनशील लेखक भी हैं. उनके लेखों का संग्रह ‘आकाश एक ताल है’ वाग्देवी प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा है. इसकी भूमिका प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक ओम थानवी ने लिखी है. प्रस्तुत है ओमजी की भूमिका- मॉडरेटर ======================== कलाकार का मन कवि-मन होता है। कैनवस …

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राजकिशोर का लेख ‘मरने की उम्र’

जबसे होश संभाला राजकिशोर जी को पढता रहा. सबसे पहले उस जमाने की सबसे ‘टेस्टी’ पत्रिका ‘रविवार’ में और जैसे जैसे उम्र बढती गई उनको हर कहीं पढता रहा. मुजफ्फरपुर से दिल्ली तक मैंने एक से एक लिक्खाड़ लेखकों को करीब से जाना लेकिन राजकिशोर जी जैसा पुख्ता वैचारिक लिक्खाड़ …

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अंकिता जैन की कहानी ‘अपनी मोहब्बत’

अंकिता जैन ‘ऐसी वैसी औरत’ किताब की लेखिका हैं. समकालीन परिदृश्य पर बेहद सक्रिय हैं और निरंतर कुछ नया करने में लगी रहती हैं. यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर ================================= खिड़की में बैठी एक लड़की। नज़रों से सौ कदम की दूरी पर खड़ा एक पेड़। उसके पीछे से झाँकता …

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