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इंविटेशन एक नहीं, दो मंगाना मैं भी साथ चलूंगा – इमरोज

अमृता प्रीतम और इमरोज का रिश्ता, जिसने कभी भी, किसी तरह के सामाजिक बंधनों की परवाह नहीं की। उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जिया, सिर्फ एक–दूसरे की परवाह करते हुए। वे एक ही छत के नीचे दो अलग–अलग कमरों में रहते थे। पत्रकार-अनुवादक संगीता के द्वारा इमरोज से …

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किन्नौर- स्पीति घाटी : एक यात्रा-संस्मरण

कमलेश पाण्डेय वैसे व्यंग्यकार हैं लेकिन यात्रा इनका जुनून है। इनका यह यात्रा संस्मरण पढ़िए- मॉडरेटर ===================================================== पहाड़ आमतौर पर बड़े मनोरम जगह होते हैं. ख़ास कर उनके लिए जो वहां घूमने –फिरने जाते हैं. उनके पास खूब सारे गर्म कपडे और गर्म खाना-पीना होता है. साथ ही जलेबी जैसी …

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अरविंद दास का लेख ‘बेगूसराय में ‘गली बॉय’

बिहार के बेगूसराय का चुनाव इस बार कई मायने में महत्वपूर्ण है।कन्हैया कुमार जहाँ भविष्य की राजनीति की उम्मीद हैं तो दूसरी तरफ़ उनका पारम्परिक राजनीति की दो धाराओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। जीत हार बाद की बात है लेकिन यह चुनाव विचारधारों के संघर्ष का एक बड़ा …

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मैं अब कौवा नहीं, मेरा नाम अब कोयल है!

युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय उन चंद समकालीन लेखकों में हैं जिनकी रचनाओं में पशु, पक्षी प्रकृति सहज भाव से उपस्थित रहते हैं. यह उनकी ताज़ा रचना है मौसम और परिस्थिति के अनुकूल- मॉडरेटर ============ पतझड़ बनाम वसंत मेरी खिड़की पर अक़्सर एक कौवा आ बैठता है। बड़बोला है, कर्कश भी। …

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मुसाफिर बैठा की कुछ कविताएँ

मुसाफिर बैठा अपनी कविताओं में खरी-खरी कहने में यकीन रखते हैं. कभी विष्णु खरे ने उनको भारत का सर्वश्रेष्ठ दलित कवि था. उनके नए कविता संग्रह ‘विभीषण का दुःख’ से कुछ कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर 1. सुख का दुःख वह एक अदद दुःख को चाहता था चूमना इधर सुख की बारंबारता …

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कश्मीरनामा : इतिहास और समकाल के दूसरे संस्करण का लोकार्पण

अशोक कुमार पाण्डेय की पुस्तक ‘कश्मीरनामा’ ने यह बता दिया है कि अच्छी शोधपूर्ण पुस्तकों के न पाठक कम हुए हैं न बाजार. राजपाल एंड संज से प्रकाशित 650 रुपये की इस पुस्तक के दूसरे संस्करण के लांच के मौके पर 25 अक्टूबर को इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में अच्छी परिचर्चा …

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सोनम कपूर ने किया बुक लांच

21 अक्टूबर को फिल्म अभिनेत्री सोनम कपूर ने रईशा लालवानी के पहले उपन्यास ‘द डायरी ऑन द फिफ्थ फ्लोर’ का लोकार्पण किया. उपन्यास एक लड़की की आत्मकथात्मक यात्रा है जिसमें एक दिन अचानक एक मोड़ आ जाता है. दिल्ली के ताज पैलेस में हुए लोकर्पण समारोह में केन्द्रीय मंत्री बाबुल …

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प्रियंका ओम की कहानी ‘अजीब आदमी’

युवा लेखिकाओं में प्रियंका ओम के नाम से सब परिचित हैं और उनके उपन्यासों से भी. यह एक छोटी-सी कहानी है. कहानी क्या एक कैफियत है. लेकिन पठनीय है- मॉडरेटर ============================================= मेरे हाथ में उधड़े कवर और दीमक खाये पन्नों वाली एक किताब है, उसके बीच दबी है बदरंग हो …

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गीताश्री की कहानी ‘खानाबदोश’

समकालीन कथाकारों में गीताश्री के पास कहानियों की रेंज काफी विस्तृत है. इतने अलग-अलग तरह के विषयों पर उन्होंने कहानियां लिखी हैं कि कई बार हैरानी हो जाती है. जैसे यह कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ============= कोई मुझे नींद में ज़ोर ज़ोर से झकझोर रहा है। मैं गहरी नींद में छलाँग …

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कहानियां तो हैं लेकिन कौशल की कमी है!

विजयश्री तनवीर के कथा-संग्रह ‘अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार’ की सम्यक समीक्षा युवा लेखक पीयूष द्विवेदी द्वारा- मॉडरेटर ================== विजयश्री तनवीर के पहले कहानी-संग्रह ‘अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार’ में कुल नौ कहानियां हैं, जिनमें से सभी के केंद्र में विवाहेतर संबंधों का विषय है। संग्रह की पहली कहानी ‘पहले …

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