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चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ पर एक नजर

आज चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की पुण्यतिथि है। ‘उसने कहा था’ कहानी के इस लेखक से हिन्दी के हर दौर के लेखक-पाठक जुडते रहे है। युवा लेखक पीयूष द्विवेदी भारत ने आज उनको याद करते हुए यह लेख लिखा है- मॉडरेटर ===================================================== प्रेमचंद ने तकरीबन 300 कहानियाँ और लगभग दर्जन भर …

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केदारनाथ सिंह के नए संग्रह से कुछ कविताएं

कवि केदारनाथ सिंह के मरणोपरांत है ‘मतदान केंद्र पर झपकी’।  इसका विमोचन होने वाला है। विमोचन से पहले पढ़िये संग्रह की कुछ कविताएं- मॉडरेटर ============================================= 1 कालजयी कहना चाहता था बहुत पहले पर अब जबकि कलम मेरे हाथ में है कह दूँ- जो लिखकर फाड़ दी जाती हैं कालजयी होती …

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‘ऐसी वैसी औरत’ में यथार्थ और कल्पना

सोशल मीडिया के माध्यम से इधर कुछ लेखक-लेखिकाओं ने अपनी अच्छी पहचान बनाई है। इनमें एक नाम अंकिता जैन का भी है। उनके कहानी संग्रह ‘ऐसी वैसी औरत’ की एक अच्छी समीक्षा लिखी है युवा लेखक पीयूष द्विवेदी भारत ने- मॉडरेटर ============ अंकिता जैन के कहानी संग्रह ‘ऐसी वैसी औरत’ …

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हैबरमास देशभक्त हैं, लेकिन अंध-राष्ट्रवादी नहीं

प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक युर्गन हेबरमास की जीवनी के बहाने उनकी चिंतन दृष्टि पर आज सुबह रामचंद्र गुहा का एक अच्छा लेख ‘दैनिक हिंदुस्तान’ में पढ़ा। हिन्दी अखबारों में इस तरह के बौद्धिक लेख कम ही आते हैं। पढ़ते ही साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ============== एडवर्ड सईद हमारी पीढ़ी के …

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जाना गुलज़ार अंजाना गुलज़ार

गुलज़ार साहब के गीतों की एक दिलचस्प रीडिंग की है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर ================================================ आप गुलज़ार के दीवाने पता नहीं इसे कैसे लेंगे।लेकिन मेरी माने गुलज़ार साहेब को खुद को रिपीट करने से परहेज़ नहीं करते। लेकिन यह दक्ष काम गुलज़ार  समान लेखक ही कर सकते हैं। वो …

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त्रिलोकनाथ पांडेय के उपन्यास ‘प्रेम लहरी’ का एक अंश

आज प्रेम के देवता का प्रकट-दिवस है। मुझे त्रिलोकनाथ पांडेय के उपन्यास ‘प्रेम लहरी’ का स्मरण हो आया, जो राजकमल प्रकाशन से शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक उपन्यास में कई लहरें हैं प्रेम की। आज एक लहर जो इसकी मूल कथा से कुछ इतर है लेकिन इतिहास …

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अनुकृति उपाध्याय की कविता ‘अंधे’

कविता अपनी लक्षणा-व्यंजना के कारण महत्वपूर्ण बन जाती है, प्रासंगिक बन जाती है। हिन्दी अँग्रेजी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन करने वाली अनुकृति उपाध्याय की यह कविता अच्छा उदाहरण है। किताबों के बहाने समकालीन राजनीति पर बहुत कुछ कह जाती है। अनुकृति की एक कहानी अभी ‘हंस’ में …

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अमृता प्रीतम, गुलज़ार और ‘पिंजर’ का किस्सा

आज अमृता प्रीतम के जन्मदिवस पर हिंदुस्तान टाइम्स में गुलज़ार साहब का यह संस्मरण छपा है जो पंजाबी लेखिका निरुपमा दत्त से बातचीत पर आधारित है। मैंने झटपट अनुवाद किया है। पढ़िएगा। दिलचस्प है-  प्रभात रंजन =========================================================== मैंने पहली बार अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कविता ‘अज्ज अक्खा वारिस शाह नू’ …

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क़िस्सों-कहानियों का सामयिक और दिलचस्प पिटारा है स्टोरीटेल इंडिया

स्टोरीटेल के ऐप पर दो तरह के कंटैंट हैं- एक तो हिन्दी के बड़े प्रकाशकों जैसे राजकमल, वाणी प्रकाशन जैसे प्रकाशनों से प्रकाशित प्रमुख किताबें औडियो बुक के रूप में उपलब्ध हैं। दूसरे, स्टोरीटेल पर धारावाहिक कथा सीरीज भी हैं जो लेखक उनके लिए लिखते हैं। अँग्रेजी, हिन्दी और मराठी …

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सत्यानन्द निरुपम से नीता गुप्ता की बातचीत

हिन्दी प्रकाशन के क्षेत्र में हाल के वर्षों में जिन कुछ लोगों ने संपादक की संस्था को मजबूत बनाया है उनमें सत्यानंद निरुपम का नाम प्रमुख है। हाल में ही हिन्दी के सबसे बड़े प्रकाशन ब्रांड राजकमल प्रकाशन समूह में संपादकीय निदेशक के रूप में काम करते उनको पाँच साल पूरे …

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