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अपनी हिंदी में बेस्टसेलर की तलाश

 हिंदी में ‘बेस्टसेलर’ की चर्चा एक बार फिर शुरु हो गई है. एक ज़माना था जब पत्रिकाओं में निराला की कविताओं के नीचे चमत्कारी अंगूठी का विज्ञापन छपता था. राही मासूम रज़ा जासूसी दुनिया के लिए जासूसी उपन्यास लिखा करते थे, पुस्तकों के एक ही सेट में गुलशन नंदा और …

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यातनाएं वैसी ही हैं जैसी थीं

कविता की मोजार्ट कही जाने वाली विश्वावा शिम्बोर्स्का का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. पोलैंड की इस कवयित्री को नोबेल पुरस्कार भी मिला था. हिंदी में भी उनकी कविताओं के खासे प्रसंशक थे. अनेक कवियों-लेखकों ने उनकी कविताओं के अनुवाद किए. आज हम उनकी पांच कविताएँ प्रस्तुत …

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साहित्य ‘कुबड़ों का टूर्नामेंट’ है

गिरिराज किराडू हिंदी के ‘भारतभूषण’ कवि हैं, प्रतिलिपि.इन के कल्पनाशील संपादक हैं, प्रतिलिपि बुक्स के निदेशक हैं, कुछ अलग तरह के साहित्यिक आयोजनों से जुड़े हैं. आज उनकी यह डायरी का अंश जो साहित्यिक आयोजनों के एक और पहलू से हमें रूबरू करवाती है- जानकी पुल. एक लेखक–आयोजक की डायरी: …

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