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तुम्हारे प्रेम में हूँ, कुछ सबूत मिले हैं मुझे

आज वंदना शर्मा की कविताएँ उनके वक्तव्य के साथ. वंदना शर्मा की कविताओं ने इधर कविता-प्रेमियों का ध्यान अपनी सादगी, बयान की तीव्रता और अनुभव की गहराई से आकर्षित किया है- जानकी पुल.  मैं बहुत सामान्य सी स्त्री हूँ, कुछ भी सिर्फ मेरा नही.. न अनुभूति न कविता, कविता मेरे …

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चलो हम दीया बन जाते हैं और तुम बाती

आज आभा बोधिसत्व की कविताएँ. यह कहना एक सामान्य सी बात होगी कि आभाजी की कविताओं में स्त्री मन की भावनाएं हैं, स्त्री होने के सामाजिक अनुभवों की तीव्रता है. सबसे बढ़कर उनकी कविताओं में आत्मीयता का सूक्ष्म स्पर्श है और लोक की बोली-बानी का ठाठ, जो उनकी कविताओं को …

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उनसे ज़रूर मिलना सलीके के लोग हैं

असगर वजाहत पारंपरिक किस्सागोई के आधुनिक लेखक हैं. उनके उपन्यासों, नाटकों, संस्मरणों सबका एक निराला अंदाज़ है. उनसे जुड़े कुछ निजी अनुभव आज आपसे साझा कर रहा हूँ- प्रभात रंजन       असगर वजाहत पहली मुलाकात में आपको बहुत अपने-अपने से लगते हैं. मुझे याद है पहली मुलाकात में ही उन्होंने …

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