कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »भीड़, जनसमुदाय और राजनीति अन्ना के बहाने
युवा इतिहासकार सदन झा हर चीज़ में कुछ नया, कुछ अलग देखते हैं. हमारे देखे हुए को, सुने हुए को एक लग अंदाज़ में दिखाते-सुनाते हैं. लोककथाओं की शैली में गहरी विद्वत्ता झलकती है. अब भीड़ के बहाने यही लेख देखिये- जानकी पुल. अरे रे राष्ट्रियश्यालक! एह्येहि स्वस्याविनयस्य फलमनुभव। (तत: …
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