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ईसा तुम्हारी संतानें वैसी ही हैं अभी भी

आज तुषार धवल की कविताएँ. तुषार की कविताओं में न विचारधारा का दबाव है, न ही विचार का आतंक. उनमें सहजता का रेटौरिक है. अपने आसपास के जीवन से, स्थितियों से कविता बुनना- वह भी इतनी सूक्ष्मता से, कोई उनसे सीखे. यहाँ उनकी कुछ नई कविताएँ हैं- जानकी पुल. 1. …

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रचनात्मकता एक अंधड़ है मेरे लिए

वरिष्ठ पत्रकार, कथाकार गीताश्री को उनकी सम्पादित पुस्तक ‘नागपाश में स्त्री’ के लिए वर्ष २०११ का सृजनगाथा सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है. उनको जानकी पुल की ओर से बहुत बधाई. प्रस्तुत है इस अवसर पर उनका लेख जो उनके अपने ही कहानी लेखन को लेकर है- जानकी पुल. …

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अपर्णा मनोज की ‘द अनटाईटल्ड स्टोरी’

जैसे अपर्णा मनोज की कविताओं का अपना ही मुहावरा है, उसी तरह उनकी इस कहानी का स्वर. साधा हुआ शिल्प, गहरी संवेदना. उनकी इस ‘लगभग पहली कहानी’ को प्रकाशित करते हुए जानकी पुल को गर्व महसूस हो रहा है. आप भी पढ़िए. आज फिर वह दर्पण छ : रास्ते  पर …

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