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जनतंत्र में नायक कौन होता है?

कवि बद्रीनारायण का नाम देश के ‘सबाल्टर्न’ इतिहास-धारा में बहुत आदर से लिया जाता है. दलित समाज के किस्सों-कहानियों के आधार पर उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण स्थापनाएं की हैं. हमारे समाज में नायकत्व की अवधारणा को लेकर उनका एक दिलचस्प लेख- जानकी पुल.        बचपन में मेरी माँ एक कहानी सुनाती …

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हिंदी के पाठकों का आस्वाद बदल रहा है

हाल में ही हिंदी के वरिष्ठ कथाकार स्वयंप्रकाश को कथाक्रम सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है. इस अवसर पर प्रस्तुत है इलेक्ट्रोनिक मीडिया, भारतीय समाज और हिंदी कहानी के पारस्परिक संबंधों पर उनके साथ माधव हाड़ा की बातचीत. बातचीत उपलब्ध करवाने के लिए हम कल्पनाशील संपादक, युवा आलोचक पल्लव के आभारी …

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बस्तर में एक पूरी प्रजाति का स्नायु-संविधान बदल रहा है

युवा कथाकार आशुतोष भारद्वाजइन दिनों अपने अखबार के असाइनमेंट पर छत्तीसगढ़ के उन इलाकों में रह रहे हैं जिन्हें ‘नक्सल प्रभावित क्षेत्र’ कहा जाता है. खौफ, संशय, हिंसा के साये में जीता वह समाज किस तरह बदल रहा है इसकी कुछ टीपें उन्होंने अपनी डायरी में दर्ज की हैं. नाम …

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