कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »याद आए वे दिन जब अकेला नहीं था
आज अपने हमनाम कवि प्रभात की कविताएँ. कविता समय सम्मान की बधाई के साथ. वे मूलतः कवि हैं, मैं भूलत. जीवन के बीहड़ गद्य की गहरी संवेदना के इस कवि की कविताओं में न जाने क्या है जो मुझे बार-बार अपनी ओर खींचता है. आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन अपनों …
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