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‘कामसूत्र’ सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है

संस्कृत के जाने-माने विद्वान राधावल्लभ त्रिपाठी के संपादन में वात्स्यायन के ‘कामसूत्र’का नया संस्करण वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा है. इसकी भूमिका में राधावल्लभ जी ने विस्तार से उस पुस्तक की विषयवस्तु और महत्व पर प्रकाश डाला है. प्रस्तुत है उसका एक अंश- जानकी पुल. यदि यह पूछा जाए …

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एकदम खाली है राहुल गांधी की बंडी की जेब

   युवा-कवि उमाशंकर चौधरी की कविताओं का एक अपना राजनीतिक मुहावरा है, जो उन्हें समकालीन कवियों में सबसे अलगाता है. वे विचारधारा के दवाब से बनी कविताएँ नहीं हैं, उनमें आम जन के सोच की अभिव्यक्ति है. इस कवि की कुछ कविताएँ, आज के राजनीतिक माहौल में जिनकी प्रासंगिकता समझ …

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फिराक गोरखपुरी की एक दुर्लभ कहानी ‘दही का बर्तन’

  आज उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी का जन्मदिन है.  उनके गज़लों, नज्मों, कतओं से तो हम सब बखूबी परिचित रहे हैं लेकिन उनकी कहानियों के बारे में हमारी मालूमात ज़रा कम रही है. उनकी नौ कहानियों का एक संकलन भी उनके मरने के बाद प्रकाशित हुआ था. वे कैसी कहानियां …

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