Recent Posts

एस. आर. हरनोट की कहानी ‘बेजुबान दोस्त’

आज एक कहानी एस. आर. हरनोट की. वे कोई ‘स्टार’ लेखक नहीं हैं, लेकिन एक सजग और संवेदनशील लेखक हैं. हिमालय का जीवन उनकी कहानियों में जीवन्तता के साथ धडकता है. उदाहरण के लिए यह कहानी ‘बेजुबान दोस्त’, जिसमें हिमालय के नष्ट होते पर्यावरण की चिंता है, उसका दर्द है. …

Read More »

आधुनिक कहानी के पिता थे मोपासां

आज आधुनिक कहानी के पिता माने जाने वाले लेखक मोपासां की पुण्यतिथि है. कहते हैं मोपासां ने कहानियों में जीवन की धडकन भरी, उसे मानव-स्वाभाव के करीब लेकर आये. संगीतविद, कवयित्री वंदना शुक्ल ने इस अवसर उन्नीसवीं शताब्दी के उस महान लेखक को इस लेख में याद किया है. आपके लिए …

Read More »

एक शताब्दी के कवि आरसी प्रसाद सिंह

‘यह जीवन क्या है ? निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है / सुख-दुःख के दोनों तीरों से चल रहा राह मनमानी है’ जैसी पंक्तियों के कवि आरसी प्रसाद सिंह की भी यह जन्म-शताब्दी का साल है. यह चुपचाप ही बीता जा रहा था. युवा-कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा का यह …

Read More »