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लिख दूँगा दीवार पर तुम्हारा नाम

अज्ञेय के जन्म-शताब्दी वर्ष में प्रोफ़ेसर हरीश त्रिवेदी ने यह याद दिलाया है कि १९४६ में अज्ञेय की अंग्रेजी कविताओं का संकलन प्रकाशित हुआ था ‘प्रिजन डेज एंड अदर पोयम्स’. जिसकी भूमिका जवाहरलाल नेहरु ने लिखी थी. लेकिन बाद अज्ञेय-विमर्श में इस पुस्तक को भुला दिया गया. इनकी कविताओं का …

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क्योंकि हमें डर लगता है, स्वाधीनता से…

अज्ञेय की जन्मशताब्दी वर्ष में आज उनकी कविता पर प्रसिद्ध आलोचक पुरुषोत्तम अग्रवाल का लेख. यह लेख उन्होंने अज्ञेय पर सम्पादित एक पुस्तक के लिए लिखा था. आज के सन्दर्भों में इस लेख की प्रासंगिकता कुछ और बढ़ गई है.——————————————————————————- ‘वे तो फिर आयेंगे’  क्योंकि हमें डर लगता है, स्वाधीनता …

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मैकलुस्कीगंज: एक अनूठे गाँव की अनोखी कथा

हाल में ही पत्रकार-लेखक विकास कुमार झा के उपन्यास ‘मैकलुस्कीगंज’ को लंदन का इंदु शर्मा कथा सम्मान दिया गया है. उसी उपन्यास पर प्रस्तुत है विजय शर्मा जी का विचारोत्तेजक लेख- जानकी पुल.     तत्कालीन हिन्दी साहित्य के परिदृश्य पर नजर डालने पर हम पाते हैं कि उसमें ग्रामीण …

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