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पारम्परिक समाजों की एक गहन अंतर्कथा

हाल में ही राजकमल प्रकाशन से मारियो वर्गास ल्योसा के उपन्यास ‘स्टोरीटेलर'(स्पेनिश में एल आब्लादोर) का हिंदी अनुवाद आया है ‘किस्सागो‘ के नाम से. पारंपरिक समाजों के जीवन को लेकर लिखे गए इस उपन्यास और उसके अनुवाद को लेकर बहुत तर्कपूर्ण लेख अशोक कुमार पांडे ने लिखा है. पढ़ने के बाद …

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संगीत सीखने के लिए एक जन्म काफी नहीं है

पटियाला घराने की तीन गायिकाओं गिरिजा देवी, परवीन सुल्ताना और निर्मला अरुण(फिल्म अभिनेता गोविंदा की माँ) के ऊपर आज संगीतविद वंदना शुक्ल का लेख प्रस्तुत है- जानकी पुल. ब्रह्मांड में असंख्य जीव हैं असंख्य वनस्पति, हरेक की एक अलग जाति-प्रजाति, उनकी जातिगत विशेषताएं. जो प्रकृति द्वारा प्रदत्त और तयशुदा हैं, …

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किसी यूरोपियन के सामने खड़े हो कर हम अपने को नीचा समझते हैं

  ओरहान पामुक का प्रसिद्द उपन्यास ‘स्नो’ पेंगुइन’ से छपकर हिंदी में आनेवाला है. उसी उपन्यास के एक चरित्र ‘ब्लू’, जो आतंकवादी है, पर गिरिराज किराड़ू ने यह दिलचस्प लेख लिखा है, जो आतंकवाद, उसकी राजनीति के साथ-साथ अस्मिता के सवालों को भी उठाता है- जानकी पुल.       …

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