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क्या यही भविष्य है भारत का ?

आज युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की कविताएँ- ‘मृत्यु’ जिसका अर्थ मैंने बाबूजी से पूछा था जाने कहाँ चले गये बिना उत्तर दिये शायद खेतों की ओर नहीं, स्कूल गये होंगे आज सात साल, तीन महीना और बीसवाँ दिन भी बीत गया लौट कर नहीं आये क्या मृत्यु इसी को …

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वो गुज़रा ज़माना: स्टीफन स्वाइग

कुछ बरस पहले ऑस्ट्रियन लेखक स्टीफेन स्वाइग की आत्मकथा का हिंदी अनुवाद आया था तो उसकी खूब चर्चा रही. अनुवाद किया था हमारे प्रिय कथाकार ओम शर्मा ने. पुस्तक का एक अंश ओमा जी की भूमिका के साथ- जानकी पुल. अनुवादक का कथ्य हमारे समकालीन साहित्य में स्टीफन स्वाइग बहुत …

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आज शैलेश मटियानी की पुण्यतिथि है

आज हिंदी के उपेक्षित लेकिन विलक्षण लेखक शैलेश मटियानी की पुण्यतिथि है. उन्होंने अपने लेखन के आरंभिक वर्षो मे ‘कविताएं’ भी लिखी थीं. आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी कुछ कविताएं यहां दी जा रही हैं, जिन्हें उपलब्ध करवाने के लिए हम दिलनवाज़ जी के आभारी हैं- जानकी पुल. नया …

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