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नाटक के बारे में कुछ व्यक्तिगत अनुभव, कुछ विचार

 २७ मार्च को विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है. इसी अवसर पर एक दिन देर से ही सही वंदना शुक्ल का यह लेख जिसमें नाटक के सम्पूर्ण परिदृश्य की तो चर्चा की ही गई है, उन्होंने नाटकों को लेकर अपने व्यक्तिगत अनुभवों को भी दर्ज किया है- जानकी पुल. — मार्क्स …

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उपस्थित हूँ तुम्हारे जीवन की देहरी पर

आज अर्पिता श्रीवास्तव की कविताएँ. Stream of consciousness की इस युवा कवयित्री में इक तरह की अनगढता है और सहजता जो सायास फॉर्मूला कविता के इस दौर में अपनी ओर आकर्षित करती है. आज प्रस्तुत हैं उनकी चार कविताएँ- जानकी पुल. १. डूबना… सहज नहीं होगा सांसों का आवागमन रुद्ध …

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विचार ज़िंदगी की उधेड़बुन में फूटते हैं

अविनाश आज mohallalive.com के मशहूर मॉडरेटर के रूप में जाने जाते हैं, निर्भीक, संवेदनशील और अपने सरोकारों को लेकर सजग. हम भूल गए हैं कि इक दौर था जब वे युवा कविता की बेहतर संभावनाओं के रूप में देखे-जाने जाते थे. यह मैं नहीं कह रहा हूँ. उन दिनों मैं …

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