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सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की कविताएँ

आज बिना किसी भूमिका के पढ़िए सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की कविताएँ- ====================================   1.पेनकिलर वाली औरतें दुनियादारी में प्रैक्टिकल हो चुकी चालीस प्लस की औरतें अपनी ही भूतहा तन्हाई से लड़तीं मोबाइल और दोस्तों की दुनिया में मशगूल पतियों से अपने अधिकारों के लिए और झगड़े नहीं करना चाहतीं सयाने …

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विहाग वैभव और ‘मोर्चे पर विदागीत’

विहाग वैभव लंबें समय से कविताएँ लिख रहे हैं, जो समय-समय पर विभिन्न पत्रिकाओं आदि में पढ़ी जाती रहीं । पिछले वर्ष राजकमल प्रकाशन से उनकी कविताओं का संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘मोर्चे पर विदागीत’। इस किताब में तमाम तरह की कविताएँ हैं जिन्हें विद्रोह की कविताएँ कहा जा सकता …

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बंद गली का आखिरी मकान, देवेन्द्र राज अंकुर और कहानी के रंगमंच की स्वर्ण जयंती

हाल में ही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंगमंडल द्वारा धर्मवीर भारती की प्रसिद्ध कहानी ‘बंद गली का आख़िरी मकान’ पर नाटक का प्रदर्शन हुआ, जिसका निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी देवेंद्र राज अंकुर ने किया था। उसी प्रस्तुति पर प्रसिद्ध फ़िल्म-नाट्य समीक्षक अजित राय की यह टिप्पणी पढ़िए- ==================================== अगामी 4 जून …

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