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सचिन कुंडलकर के उपन्यास ‘कोबॉल्ट ब्लू’ का एक अंश

मराठी लेखक सचिन कुंडलकर का उपन्यास आया है ‘कोबॉल्ट ब्लू’। इस उपन्यास का मराठी से हिंदी में अनुवाद किया है गीत चतुर्वेदी ने। पेंगुइन हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- ======================== जब तुम इस कमरे में आए, तुमने कहा, ‘कितनी टेम्प्टिंग सुगंध है इस कमरे …

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      ऐ मेरे रहनुमा: पितृसत्ता के कितने रूप

    युवा लेखिका तसनीम खान की किताब ‘ऐ मेरे रहनुमा’ पर यह टिप्पणी लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया की शोधार्थी अनु रंजनी। उनकी लिखी विस्तृत टिप्पणी पढ़िए- ==========================      ‘ऐ मेरे रहनुमा’ यह शीर्षक ऐसा भाव देता है जैसे अपने सबसे प्रिय व्यक्ति को संबोधित किया जा रहा …

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यह किताब तो अहसासों का गुलदस्ता है

देवी प्रसाद मिश्र की पुस्तक ‘मनुष्य होने के संस्मरण’ पर कवि यतीश कुमार की यह टिप्पणी पढ़िए. यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- जानकी पुल ================================ दोहे और मुहावरों को अमरत्व प्राप्त है और अगर कहानियाँ इस ओर मुखर होकर अमरत्व चख लें तो मुहावरों में बदल जाते हैं। …

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