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‘चित्तकोबरा’ की काव्यात्मक समीक्षा

​ वरिष्ठ लेखिका मृदुला गर्ग के प्रसिद्ध उपन्यास ‘चित्तकोबरा’ को पढ़कर कवि यतीश कुमार ने काव्यात्मक टिप्पणी की है। आप भी पढ़िए- ============================= 1. कमाल की कविता है स्मृति जिसकी परिधि में गुलाब के बचे ओस कण और पराग भी हैं जिसने बचाए रखा तन में मन और आत्मा में …

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जिनकी पीछे छूटी हुई आवाज़ें भी रहेंगी हमेशा महफूज

पंकज पराशर संगीत पर बहुत अच्छा लिखते हैं। दरभंगा के अमता घराने के ध्रुपद गायक पंडित अभय नारायण मल्लिक को याद करते हुए यह भावभीना लेख पढ़िए- ================================ जिनकी पीछे छूटी हुई आवाज़ें भी रहेंगी हमेशा महफूज (‘अमता’ घराने के चश्मो-चराग़ अभय नारायण मल्लिक!) …और अब पंडित अभय नारायण मल्लिक …

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रवित यादव की दो गद्य कविताएँ

युवा कवि रवित यादव की कविताओं का मुझे इंतजार रहता है। आज उनकी दो गद्य कविताएँ पढ़िए- ============= 1- दुविधाओं का दोगला भूत। ―――――――――――――― मैंने जिस-जिस ये कहा कि “मैं एक दिन यूँ भी जाऊँगा की फिर वापस न आऊँगा”, वो सब एक एक करके मेरे मेरे जीवन से जाते …

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