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माँ, मैंने आज काला धन पहचान लिया

  ‘दर्रा दर्रा हिमालय’ वाले डॉक्टर-लेखक अजय सोडानी ने नोटबंदी के दौर में यह स्मरण कथा लिखी है- मॉडरेटर ===========================================    माँ तू झूठी थी     जैसे-जैसे सर पर चाँदी बढ़ती है और खुपड़िया पर पूर्णिमा का चाँद उभरने लगता है, बरसों से शान्त भीतर का बच्चा अपने अनुत्तरित …

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दिव्या विजय की बाल कहानी ‘यक्ष की शामत आई’

आज बाल दिवस है. प्रस्तुत है दिव्या विजय की बाल कहानी- मॉडरेटर  =============================================== राजकुमार अजय आखेट के लिए निकले हुए थे. वह जूनागढ़ रियासत के इकलौते, मन्नतों से माँगे गए लाड़ले राजकुमार थे. रियासत की प्रजा को उनसे बहुत-सी अपेक्षाएं थीं तथा उनमें वह सुयोग्य राजा होने के गुण देखती …

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अम्बर्तो इको का उत्तर-आधुनिक मायालोक

उत्तर आधुनिकता के प्रमुख व्याख्याकारों, लेखकों में अम्बर्तो इको का नाम बहुत प्रमुखता से लिया जाता है. उनके ऊपर यह लेख विजय शर्मा ने लिखा है- मॉडरेटर  कुछ साल पहले एक फ़िल्म देख रही थी। खूब मजा आ रहा था। अपराध, हत्याएँ, रहस्य, जासूसी, भला किसे अच्छा न लगेगा? भूल-भुलैय्या …

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