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प्रीतपाल कौर की कहानी ‘खिड़की की आँख’

प्रीतपाल कौर एक जमाने में एनडीटीवी की एंकर थीं. संवेदनशील पत्रकार प्रीतपाल कौर की एक संवेदनशील कहानी- मॉडरेटर  ===================   खिड़की के बाहर का चौकोर आसमान का टुकड़ा खिड़की जितना ही बड़ा है. लेकिन इसमें से भी पूरा आसमान नहीं दिख रहा. दरअसल इस चौकोर खालीपन में जो मुख्य भरावट …

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हमारा प्रेम सिलवटों में कहीं निढाल पड़ा है

इला जोशी की कविताएँ पढ़ते हुए यूँ महसूस होता है, जैसे किसी परिंदे को इस शर्त पर रिहाई मिले कि उसके पंख काट दिए जाएँगे। इन कविताओं में एक अजीब क़िस्म की बेचैनी दफ़्न है, जिसे किसी पवित्र स्पर्श की प्रतीक्षा भी है और उस स्पर्श से छिल जाने का …

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बॉब डिलन को नोबेल और कवि कक्का का फोन!

गायक, गीतकार बॉब डिलन को साहित्य का नोबेल क्या मिला हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है. प्रवीण कुमार झा का एक अवश्य पठनीय टाइप व्यंग्य पढ़िए- मॉडरेटर  =============================================== कवि कक्का का अचानक फोन आया और डिसकनेक्ट हो गया। कवि कक्का, वही जिनका साहित्य अकादमी दो नम्मर से रह गया …

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