Recent Posts

पाकिस्तान का नमक खाया है

नॉर्वे-प्रवासी डॉक्टर व्यंग्यकार प्रवीण कुमार झा आज नए व्यंग्य के साथ- मॉडरेटर  =======================================================   मैं पाकिस्तान का नमक खाता हूँ। भड़किये नहीं! मैं ही नहीं, कई प्रवासी भारतीय पाकिस्तान का नमक-मसाला खाते हैं। दरअसल, यहाँ जितने भारतीय नमक-मसाले की दुकानें हैं, पाकिस्तानियों की है। अधिकतर रेस्तराँ, जिनमें हर तीसरे का …

Read More »

पुरूष अहेरी है, नारी शिकार!

शर्मिला बोहरा जालान जो भी लिखती हैं उसको एक ठोस वैचारिक जमीन देने की कोशिश करती हैं. यह समकालीन लेखिकाओं में विरल तत्त्व है जो उनके लेखन में प्रबल है. बहरहाल, फिल्म ‘पिंक’ देखने के बाद और उसके हो-हल्ले के थम जाने के बाद उन्होंने उससे उठने वाले कुछ सवालों …

Read More »

हुमैरा राहत की ग़ज़लें

हुमैरा राहत के शेर पढता रहता था. अभी हाल में ही उनकी गजलों और नज्मों का संकलन हाथ में आया- पांचवीं हिजरत. किताब राजपाल एंड संज प्रकाशन से आई है. उसी से कुछ ग़ज़लें- मॉडरेटर  =============================================================== 1. बिछुड़ते वक्त भी रोया नहीं है ये दिल अब नासमझ बच्चा नहीं है …

Read More »