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मनोज कुमार पांडेय की कहानी ‘घंटा’

मनोज कुमार पांडेय अपनी पीढ़ी के मेरे कुछ प्रिय कथाकारों में हैं. उनकी यह नई कहानी “घंटा’ आई है ‘पल-प्रतिपल’ पत्रिका. पत्रिका तो कहीं मिलती नहीं है सोचा यह कहानी ही पढ़ी पढ़ाई जाए- प्रभात रंजन  ============================================================ जैसा कि कहने का चलन है, इस कहानी की समूची कथा स्थितियाँ और …

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सैराट: दृश्यों में गुंथे रक्त डूबे सवाल

‘सैराट’ फिल्म जब से आई है उस पर कई लेख पढ़ चुका, लेकिन फिल्म नहीं देखी थी. सुदीप्ति के इस लेख को पढने के बाद  लगता है कि फिल्म देखने की अब जरूरत नहीं है. हिंदी में इतनी सूक्ष्मता और इतनी संलग्नता से फिल्म पर कम ही लोग लिखते हैं. …

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स्त्रीत्व को लेकर हिन्दू धर्म का रुख

देवदत्त पट्टनायक हमारे समय में संभवतः मिथकों को आम लोगों की भाषा में पाठकों तक सरल रूप में पहुंचाने वाले सबसे लोकप्रिय लेखक हैं. उनकी नई पुस्तक आई है ‘भारत में देवी: अनंत नारीत्व के पांच स्वरुप‘. यह हिन्दू धर्म में देवी के स्वरुप को लेकर संभवतः पहली पुस्तक है, जिसमें देश …

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