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बली सिंह की कविताएं

बली सिंह को हम लोग एक संघर्षशील, ईमानदार और जुझारू जनवादी कार्यकर्ता के रूप में जानते हैं. कम लोग जानते हैं कि वे बेहद संवेदनशील कवि हैं. कॉलेज के दिनों में उनकी एक कविता मुझे बहुत पसंद थी- घर न हुआ कुआँ हो गया… अभी हाल में ही उनक एक …

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‘आजादी’ के दौर में ‘आजादी मेरा ब्रांड’

‘आजादी मेरा ब्रांड’– कायदे से मुझे इस किताब पर जनवरी में ही लिखना चाहिए था. जनवरी में विश्व पुस्तक मेले में जब इस किताब का विमोचन हुआ था तब मैं उस कार्यक्रम में गया था. संपादक सत्यानंद निरुपम जी ने आदरपूर्वक बुलाया था. कार्यक्रम में इस किताब पर रवीश कुमार …

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‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’

यह मेरी नई लिखी जा रही किताब का एक अंश है. पढ़कर राय दीजियेगा- प्रभात रंजन  ============================================================ डायवोर्स ‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’ किसने बताया? मम्मा ने?’ ‘हाँ, लेकिन क्या होता है?’ ‘जब दो लोग साथ नहीं रहते हैं!’ ‘डायवोर्स क्या इंसानों में ही होता है?’ ‘हूँ…’ ‘जैसे रात आने …

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