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क्यों जाएँ ‘जय गंगाजल’ देखने?

आज महाशिवरात्रि है. आज ‘जय गंगाजल’ फिल्म की समीक्षा पढ़िए. प्रकाश झा की फिल्म है, मानव कौल की एक्टिंग है, बिहार की राजनीति है. निजी तौर पर मुझे प्रकाश झा की किसी फिल्म ने कभी निराश नहीं किया. बहरहाल, इस फिल्म की एक अनौपचारिक, ईमानदार समीक्षा लिखी है युवा लेखिका …

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प्रकृति करगेती की कहानी ‘प्यार का आकार’

बहुत सहज कहानी है, बिना किसी अतिरिक्त कथन के. हाँ, आप चाहें तो उसकी ओवररीडिंग कर सकते हैं. कहानी में यह स्पेस है- प्रकृति करगेती की यह कहानी पढ़ते हुए सबसे पहले यही बात ध्यान में आई. प्रकृति की कवितायेँ पहले जानकी पुल पर आ चुकी हैं, उनको ‘हंस’ पत्रिका …

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कृष्ण कुमार का लेख ‘विश्वविद्यालय का बीहड़’

इन दिनों विश्वविद्यालयों की स्वायत्तात का मुद्दा जेरे-बहस है. इसको लेकर एक विचारणीय लेख कृष्ण कुमार का पढ़ा ‘रविवार डाइजेस्ट’ नामक पत्रिका में. आपके लिए प्रस्तुत है- मॉडरेटर. =============================================================   रोहित बेमुला की आत्महत्या एक प्रश्नभीरु समाज में बहस और विवाद का विषय बन जाए, यह आश्चर्य की बात नहीं …

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