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बुकर वाली हिंदी और हिंदी किताब की दुकानें

हिंदी पट्टी में हिंदी किताब बेचने वाली दुकानों का क्या हाल-चाल है इसका एक अच्छा जायज़ा है इस लेख में। लेख लिखा है लखन रघुवंशी ने। लखन रघुवंशी मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में जनसंचार के प्राध्यापक हैं। आप उनका यह लेख पढ़िए- ================== लगातार दो वर्षों तक इंटरनेट पर ढूंढने और …

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घूमते आईने का हिंदी पर ठहराव

सत्यानन्द निरुपम का यह लेख इंटरनेशनल बुकर प्राइज़ की घोषणा के बाद लिखा गया था। पहले अंग्रेज़ी में आउटलुक में प्रकाशित हुआ। बाद में ‘आलोचना’ में। लेकिन आपके लिए ऑनलाइन जानकी पुल लेकर आ रहा है। अनुवाद को लेकर, हिंदी के बनते वैश्विक परिदृश्य पर सम्यक् सोच के साथ लिखा …

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बीसवीं सदी का नौवाँ दशक, एल्बम गीत और मासूम प्रेम!

सुनीता मंजू सीवान के एक कालेज में पढ़ाती हैं। उनका यह लेख पढ़िए जो 80-90 के दशक के म्यूज़िक एल्बम्स के ऊपर हैं। दिलचस्प लेख है- =========================== अगर आपका जन्म 1980 से 1990 के दौरान हुआ है तो यह लेख आपके लिए ही है। नब्बे के दशक के प्रारंभ होते …

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