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मेरी नई कहानी ‘यार को मैंने जाबजा देखा…’

आज अपनी ही नई कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ जो एक कथा श्रृंखला का हिस्सा है- प्रभात रंजन  ===============================================================   यार को मैंने जाबजा देखा प्रभात रंजनउसकी बायीं आँख के ठीक नीचे कटे का निशान था. बड़ा-सा. चेहरे में सबसे पहले वही दिखाई देता था. ‘तीन टाँके लगे थे’, उसने बताया था. देखने में दो …

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मलाला की कहानी से प्रेरणा मिलती है

मलाला युसुफजई की आत्मकथा ‘आई एम मलाला: द गर्ल हू स्टुड अप फॉर एजुकेशन एंड वाज शॉट बाय तालिबान’ पर यह टिप्पणी लेखिका सरिता शर्मा की है- मॉडरेटर  ==============================================    मलाला यूसुफजई 2014 में कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित की जाने …

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दलित विमर्श की सीमा या सवर्ण सोच की सीमा?

पिछले दिनों किन्हीं अमरनाथ ने जनसत्ता में दलित विमर्श की सीमा शीर्षक लेख लिखा था. युवा लेखक, अध्येता आकाश कुमार ने बहुत विद्वत्तापूर्ण और तार्किक ढंग से उनका जवाब लिखा है. दोनों लेख एक साथ पढ़ते हैं. पहले आकाश कुमार का और फिर अमरनाथ का- मॉडरेटर  =========================================================== अमरनाथ जी ने …

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