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किसी परछाई की भी देह साबुत नहीं थी!

अभी दो तीन दिन पहले एक वरिष्ठ साहित्यकार ने जानी मानी लेखिका तसलीमा नसरीन की एक तस्वीर फेसबुक पर साझा की और स्त्री स्वतंत्रता को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई. ऐसे में युवा शोधार्थी सोनाली मिश्र का यह लेख पढने को मिला. सोनाली को सबसे पहले मैंने व्हाट्सऐप समूह ‘रचनाकार’ …

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उपन्यास ‘कुल्फी एंड कैपुचिनो’ का अंश

हिन्द युग्म प्रकाशन ने हिंदी का अपमार्केट पाठक वर्ग बनाने में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है. कई प्रतिभाशाली लेखकों की किताबें प्रकाशित की. आशीष चौधरी भी उनमें एक हैं. पेश है उनकी किताब कुल्फी एंड कैपुचिनो का एक अंश- मॉडरेटर  ================================== ‘डु यू लाइक पिंक कलर?’, कोमल ने पिंक कलर का टॉप …

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आशीष नंदी: ग़फलत-में-सुकून का उल्लास

  आशीष नंदी की पुस्तक ‘The Savage Freud’ की आशीष लाहिड़ीद्वारा की गई समीक्षा का बहुत सुन्दर अनुवाद जाने माने कवि, सामाजिक कार्यकर्ता लाल्टू जी ने किया है. बहुत प्रासंगिक, तर्कपूर्ण लेख है- मॉडरेटर  ===================================================================== आशीष लाहिड़ी की बांग्ला निबंधों की किताब ‘भद्रलोकि जुक्तिबादेर दक्षिणावर्त (भद्रलोक तर्कशीलता का दक्षिण को मुड़ना)‘ …

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