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कुँवर नारायण की कहनियों में धंसते हुए

युवा लेखक मनोज कुमार पाण्डेय ने यह लेख लिखा है हिंदी के वरिष्ठ कवि-कथाकार कुंवर नारायण की कहानियों को पढ़ते हुए- मॉडरेटर  ===================== कुँवर नारायण अपनी कहानियों की इकलौती किताब ‘आकारों के आसपास’ की भूमिका में लिखते हैं कि, ‘कहानी कहते समय मैं पाठक को यह यकीन दिलाने की कोशिश …

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बापू! देश का अंतिम जन अपने अंत की ओर बढ़ रहा है!

महात्मा गाँधी की वतन वापसी के सौवें साल में उनके नाम यह मार्मिक पाती लिखी है दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थी नंदलाल सुमित ने- मॉडरेटर  =================== प्यारे बापू,  आपके वतन वापसी का सौवां साल है यह. देश भर में उत्सव मनाया जा रहा है. आपकी खूब पूजा हुई है. लाखों टन …

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मीरांबाई की छवि और मीरां का जीवन

बड़ी चर्चा सुनी थी माधव हाड़ा की किताब ‘पंचरंग चोला पहर सखी री’ की. किसी ने लिखा कि मीरांबाई के जीवन पर इतनी अच्छी किताब अभी तक आई नहीं थी. किसी ने इसकी पठनीयता की तारीफ की. बहरहाल, मैंने भी किताब उठाई तो एक बैठक में ही पढ़ गया. यह …

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