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यह साहित्य के भूकम्पोत्तर काल का आयोजन था!

बिहार में संपन्न हुए अखिल भारतीय कहा समारोह पर यह टिप्पणी पटना के युवा साहित्य प्रेमी, समीक्षक सुशील कुमार भारद्वाज ने लिखी है. ईमानदारी से अपने अनुभवों को बयान किया है- मॉडरेटर  ============================================================= बिहार में साहित्य के प्रति लोगों में गजब का जूनून देखने को मिलता है| इसका ताजा उदाहरण …

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संजीव के उपन्यास ‘फांस’ का अंश

कर्ज के जाल में फंसकर किसानों के मजदूर बनते जाने की पीड़ा को प्रेमचंद ने अपने उपन्यास ‘गोदान’ में उकेरा था. आज कर्ज के जाल में फंसकर किसान आत्महत्या कर रहे हैं तब संजीव का उपन्यास आ रहा है ‘फांस’. आज उसी बहुप्रतीक्षित उपन्यास का एक अंश, जिसको पढ़ते हुए …

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चेतन भगत अंग्रेजी साहित्य के ‘नच बलिये’ हैं!

इन दिनों चेतन भगत ‘नच बलिये’ के जज बनकर चर्चा में हैं. ट्विटर पर उनको लेकर चुटकुलों का दौर जारी है, पूर्व अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना सार्वजनिक रूप से ट्विटर पर उनका मजाक उड़ा चुकी हैं. अपना मजाक उड़ाने वालों का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने खुद ट्वीट किया है कि जो …

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