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प्रेम खाप के लिए है अभिशाप तो व्यक्ति के लिए अमर फल!

ऐसा नहीं है कि 2015 के पुस्तक मेले में मुझे सिर्फ रवीश कुमार का ‘इश्क में शहर होना’ ही पसंद आया. दूसरी किताब जिसके ऊपर मन रीझ गया वह है ‘बेदाद-ए-इश्क रुदाद-ए-शादी’. प्रेम विवाह करने वालों की इस अनुभव कथा की पोथी बनाने का यह आइडिया जिसका भी था उसको …

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हिंदी में ईबुक क्रांति आने वाली है?

विश्वपुस्तक मेले में हिंदी प्रकाशकों के हॉल में सबसे अधिक चर्चा थी ईबुक की. इस चर्चा के दो कारण थे. एक तो ईबुक के सबसे बड़े प्लेटफोर्म न्यूजहंट की मौजूदगी के कारण, जिनके मोबाइल ऐप के कारण अपने फोन में सस्ती कीमत पर आप अपनी मनपसंद किताबों को डाउनलोड कर …

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विश्व पुस्तक में क्या रहे ट्रेंड?

इस बार पुस्तक मेले में चार दिन जाना हुआ. पहले सोचा था नहीं जाऊँगा. लेकिन एक बार जाइए तो बार-बार जाने का मन करता है. एक साथ इतने बड़े लेखकों से मुलाकात, बातें, बतकही- अच्छा लगने लगता है. आज लिख रहा हूँ तो सबकी याद आ रही है. अच्छा मौका …

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