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क्या ‘नरक मसीहा’ साल का सबसे प्रासंगिक उपन्यास है?

हिंदी में यह अच्छी बात है कि आज भी किसी लेखक का कद, पद, प्रचार प्रसार किसी पुस्तक की व्याप्ति में किसी काम नहीं आता. अब देखिये न पिछले साल काशीनाथ सिंह का उपन्यास आया, अखिलेश का उपन्यास आया, मैत्रेयी पुष्पा का उपन्यास आया. सबसे देर से आया भगवानदास मोरवाल …

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रंगभेद नहीं ये किरकेटवाद है!

क्रिकेट विश्व कप में इण्डिया ने पाकिस्तान को क्या हराया बहुतों ने मान लिया कि इण्डिया ने विश्व कप जीत लिया. सबको अपने अपने क्रिकेट दिन याद आने लगे. युवा लेखक क्षितिज राय ने अपने क्रिकेट इतिहास की रोमांचक कथा लिखी है. पढियेगा- मॉडरेटर. =========================================     तो भारत ने …

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कलीम आजिज़ की स्मृति में उनकी कुछ ग़ज़लें

आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में पढ़ा कि मीर की परम्परा के आखिर बड़े शायर कलीम आजिज़ का निधन हो गया. वे 95 साल के थे. इमरजेंसी के दौरान कहते हैं उन्होंने श्रीमती गाँधी के ऊपर एक शेर लिखा था- रखना है कहीं पाँव तो रखो हो कहीं पाँव/ चलना जरा आया …

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