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क्या यह हिंदी प्रकाशन जगत में ‘ब्रांड वार’ की शुरुआत है?

इस बार विश्व पुस्तक मेले की शुरुआत वेलेन्टाइन डे के दिन हो रही है और हिंदी के दो बड़े प्रकाशकों में इश्क को लेकर ‘ब्रांड वार’ की शुरुआत हो गई है. पहली किताब है राजकमल प्रकाशन के नए इंप्रिंट ‘सार्थक’ से प्रकाशित ‘इश्क में शहर होना’, जिसके लेखक हैं जाने …

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सिंहासन खाली करो कि जनता आती है

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की यह कविता मुझे तब तब जरूर याद आती है जब विप्लव की आहट सुनाई देती है. कितना विरोधाभास है कि दिनकर जी जीवन के आखिरी कुछ वर्षों को छोड़ दें तो आजीवन कांग्रेस की सत्ता के करीब बने रहे, नेहरु जी, इंदिरा जी के करीब रहे. …

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बाल साहित्य और शिक्षा की किताबों की चर्चा क्यों नहीं होती?

हिंदी में साल भर की किताबों का जो लेखा जोखा प्रकाशित होता है उनमें बाल साहित्य तथा शिक्षा से सम्बंधित पुस्तकों की चर्चा न के बराबर होती है. शिक्षाविद कौशलेन्द्र प्रपन्न ने एक बढ़िया आकलन करने की कोशिश की है- मॉडरेटर. ============================= कविता, कहानी, उपन्यास, यात्रा वृत्तांत आदि साहित्य की …

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