कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »यह हिंदी साहित्य का ‘लप्रेक’ युग है!
पहले सोचा था ‘लप्रेक’ पर नहीं लिखूंगा. कहीं रवीश जी नाराज न हो जाएँ, कहीं निरुपम जी नाराज न हो जाएँ लेकिन प्रेमचंद याद आ गए- बिगाड़ की डर से ईमान की बात न कहोगे. क्या करूँ कहता हूँ खुद को रेणु की परम्परा का लेखक बात बात में याद …
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