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कलावंती की कविताएं

जानकी पुल पर साल की शुरुआत करते हैं कुछ सादगी भरी कविताओं से. कलावंती की कविताओं से. कलावंती जी की कविताओं में हो सकता है शिल्प का चमत्कार न दिखे, भाषा का आडम्बर न दिखे लेकिन जीवन में, जीवन के अनुभवों में गहरे रची-बसी हैं उनकी कविताएं. पढ़कर देखिये- मॉडरेटर  …

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बातों-मुलाकातों में मनोहर श्याम जोशी

मनोहर श्याम जोशी की किताब ‘बातें-मुलाकातें: आत्मपरक-साहित्यपरक’ मेरे पास मार्च से है लेकिन इसके ऊपर लिख आज रहा हूँ. यही होता है जो लेखक हमारे सामने होता है हम उसी के ऊपर लिखते रहते हैं, शाबासी के लिए, मिल जाए तो रेवड़ियों के लिए. आज लिखते हुए मैं यही सोचता …

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रामजी तिवारी की नई कविताएं

साल के आखिरी कुछ दिन बचे हैं. मैं कुछ नहीं कर रहा. कविताएं पढ़ रहा हूँ. जो अच्छी लगती हैं आपसे साझा करता हूँ. आज रामजी तिवारी की कविताएं. उनकी कविताओं से हम सब परिचित रहे हैं. देखिये इस प्रतिबद्ध कवि की नई कविताएं कैसी बन पड़ी हैं- प्रभात रंजन  …

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