कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »वतन ऐसे रहेगा कब तलक आबाद मौलाना
दिलीप कुमार के पेशावर को याद रखने का एक दूसरा दर्दनाक सिलसिला बन गया. दोनों मुल्कों के इतिहास का सबसे काला दिन बन गया 16 दिसंबर 2014. दो ग़ज़लें मशहूर गजलगो सुशील सिद्धार्थ ने उस घटना को याद करते हुए लिखी है. भरे मन से यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ- …
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