Recent Posts

मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं हिंदी मुस्कुराती है

आज हिंदी के दुःख को उर्दू ने कम कर दिया- कल साहित्य अकादेमी पुरस्कार की घोषणा के बाद किसी मित्र ने कहा. मेरे जैसे हजारों-हजार हिंदी वाले हैं जो मुनव्वर राना को अपने अधिक करीब पाते हैं. हिंदी उर्दू का यही रिश्ता है. हिंदी के अकादेमी पुरस्कार पर फिर चर्चा …

Read More »

शैलप्रिया से नीलेश रघुवंशी तक

पिछले इतवार को रांची में शैलप्रिया स्मृति सम्मान का आयोजन हुआ था. इस आयोजन पर कल बहुत अच्छी रपट हमने प्रस्तुत की थी, कलावंती जी ने लिखा था. आज उस आयोजन के मौके पर ‘समकालीन महिला लेखन का बदलता परिदृश्य’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया इस गोष्ठी …

Read More »

दूसरा शैलप्रिया स्मृति पुरस्कार: एक रपट

यह हम हिंदी वालों का लगता है स्वभाव बन गया है- जो अच्छा होता है उसकी ओर हमारा ध्यान कम जाता है. रांची में ‘शैलप्रिया स्मृति पुरस्कार’ ऐसी ही एक बेहतर शुरुआत है. इस गरिमामयी सम्मान का यह दूसरा आयोजन था, जिसकी एक रपट हमारे लिए भेजी है कवयित्री कलावंती …

Read More »