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राजकमल चौधरी का पत्र दूधनाथ सिंह के नाम

लेखकों के पत्रों से कई बार उनके व्यक्तित्व का, उनके लेखन-सूत्रों का पता चलता है. यह एक ऐतिहासिक पत्र है जो आमुख-8 में प्रकाशित हुआ था. राजकमल चौधरी ने संभवतः अपने मरने से कुछ दिनों पहले दूधनाथ सिंह को लिखा था. कल से इस पत्र को लेकर इलाहबाद विश्वविद्यालय के …

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क्षितिज रॉय की कहानी ‘लड़का, लड़की और तीव्र मुद्रिका’

इधर क्षितिज राय की कहानियों की शैली ने मुझे बहुत प्रभावित किया है. नीलेश मिश्रा की मंडली के लेखक रहे हैं इसलिए कहानी में संतुलन की कला से अच्छी तरह वाकिफ हैं. दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के विद्यार्थी हैं इसलिए समकालीन युवाओं के मानस को बढ़िया से समझते हैं. मुख्यधारा, …

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कला, स्त्री, नैतिकता, धर्म और ‘रंगरसिया’

‘रंगरसिया’ फिल्म रिलीज होने के बहुत पहले से चर्चाओं में रही है, उत्सुकताओं के केंद्र में रही है. आखिर रवि वर्मा के जीवन को केंद्र में रखकर बनाई गई इस फिल्म को केतन मेहता ने किस तरह बनाया है. जीवन, स्त्री, धर्म, नैतिकता से जुड़े कई सवाल हैं जिनके सन्दर्भ …

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