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अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘हरसिंगार के फूल’

ओर्गैज्म को लेकर चल रही सार्थक बहस के दौरान मुझे लेखिका अनुकृति उपाध्याय की इस कहानी की याद आई। यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ में सम्मिलित है। हिंदी में ओर्गैज्म को लेकर शायद इससे अच्छा कुछ लिखा नहीं गया। समय हो तो पढ़िएगा- ======================================== मौना नहाकर निकली. उसके …

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विमलेश त्रिपाठी का स्तम्भ एक गुमनाम लेखक की डायरी-3

युवा कवि विमलेश त्रिपाठी अपनी जीवन यात्रा को दर्ज कर रहे हैं। गाँव के छूटे हुए दिनों को बड़ी शिद्दत से याद कर रहे हैं। आज तीसरी किस्त पढ़िए- ==================== लगातार मनुष्यता की ओर यात्रा करने वाला मुसाफिर मुझे अपने जन्म का वर्ष और तारीख पता नहीं है। माँ से …

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    प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘माता जी मत कहो प्लीज…’

प्रमोद द्विवेदी की कहानियों की विषयवस्तु और भाषा दोनों का अपना ही अन्दाज़ है। ‘जनसत्ता’ के फ़ीचर संपदक रहे इस लेखक ने कम लिखा है लेकिन इनके लेखन की अलग ही छाप है। उनकी नई कहानी पढ़िए- ==============================  आज मीता जी की किस्मत खराब थी, या कहो दिन ही खोटा …

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