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महाकरोड़ क्लब की फिल्मों की कंटेट पर चर्चा करना बेमानी है!

शाहरुख़ खान की फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ सैकड़ों करोड़ कमाकर सुपर डुपर हिट हो चुकी है. ऐसे में उस फिल्म की प्रशंसा या आलोचना करना बेमानी सा लगता है. फिर भी, एक दर्शक की नजर से सैयद एस. तौहीद ने इस फिल्म के जरिये कुछ मौजू सवाल उठाए हैं- मॉडरेटर. …

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स्याह दौलत(काला धन) और उम्मीद के अनुलोम-विलोम

लोकसभा चुनावों से पहले काला धन वापस लाने का ऐसा शोर था कि कई लोग तो सपने देखने लगे कि उनके बैंक खातों में 3 से 15 लाख तक रुपये आ जायेंगे. बड़े बड़े मंसूबे बंधे जाने लगे. मियां बुकरात, बटेशर, खदेरू भी कुछ ऐसी उलझनों में खोये हैं सदफ नाज़ …

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कविता भाषा में अपने होने की जद्दोजहद की पहचान है!

सविता सिंह की कविताओं का हिंदी में अपना अलग मुकाम है. उनकी कविताओं में गहरी बौद्धिकता को अलग से लक्षित किया जा सकती है. अपनी कविताओं को लेकर, अपने कविता कर्म को लेकर, स्त्री कविता को लेकर उनका यह जरूरी लेख पढ़ा तो मन हुआ कि साझा किया जाए आपसे- …

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