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भारतेंदु हरिश्चंद्र पर गोपाल राम गहमरी

भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों और उनके मंचन के प्रभाव को लेकर 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लेखक गोपाल राम गहमरी ने एक संस्मरण लिखा था. वे उन दिनों बलिया में छात्र थे और उन्होंने भारतेंदु को खुद नाटक में अभिनय करते देखा था. यह दुर्लभ लेख पढने को मिला ‘बहुवचन’ के …

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प्रेमचंद को नहीं चेखव को पढ़कर कथाकार बना

स्वयंप्रकाश के बारे में कुछ लिखने की जरुरत नहीं उनकी कहानियां खुद उस माहिर लेखक का बयान हैं. अभी हाल में ही राजपाल एंड संस प्रकाशन से ‘मेरी प्रिय कहानियां’ सीरिज में उनकी किताब आई है. उसकी भूमिका में उन्होंने अपनी रचना-प्रक्रिया, अपनी रचनाओं, पसंदों-नापसंदों को लेकर खुल कर बात …

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दिमाग के कम्प्यूटर में कोई सेलेक्टर लगा रहता होगा

शिवमूर्ति ऐसे लेखक हैं जिनसे मैंने काफी सीखा है. जीवन के इस अन्तरंग कथाकार ने अपनी रचना-प्रक्रिया पर लिखा है जो जल्दी ही ‘सृजन का रसायन’ नाम से पुस्तकाकार आने वाली है. उसका एक रोचक, प्रेरक अंश उन्होंने जानकी पुल के पाठकों के लिए भेजा है- प्रभात रंजन  ======================================== लेखक …

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