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चित्रकथा में हिरोशिमा की त्रासदी

इधर एक मार्मिक चित्रकथा पढने को मिली. मार्मिक इसलिए क्योंकि आम तौर पर चित्रकथाओं में मनोरंजक कथाएं, महापुरुषों की जीवनियाँ आदि ही पढ़ते आये हैं. लेकिन यह एक ऐसी चित्रकथा है जो इतिहास की एक बहुत बड़ी त्रासदी की याद दिलाती है और फिर उदास कर देती है. ‘नीरव संध्या …

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भारतेंदु हरिश्चंद्र पर गोपाल राम गहमरी

भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों और उनके मंचन के प्रभाव को लेकर 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लेखक गोपाल राम गहमरी ने एक संस्मरण लिखा था. वे उन दिनों बलिया में छात्र थे और उन्होंने भारतेंदु को खुद नाटक में अभिनय करते देखा था. यह दुर्लभ लेख पढने को मिला ‘बहुवचन’ के …

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प्रेमचंद को नहीं चेखव को पढ़कर कथाकार बना

स्वयंप्रकाश के बारे में कुछ लिखने की जरुरत नहीं उनकी कहानियां खुद उस माहिर लेखक का बयान हैं. अभी हाल में ही राजपाल एंड संस प्रकाशन से ‘मेरी प्रिय कहानियां’ सीरिज में उनकी किताब आई है. उसकी भूमिका में उन्होंने अपनी रचना-प्रक्रिया, अपनी रचनाओं, पसंदों-नापसंदों को लेकर खुल कर बात …

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