कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »ज्योत्स्ना जी हम सब की उम्र का होकर जीना जानती थी
ज्योत्स्ना मिलन के जाने से जो शून्य साहित्यिक जगत में पैदा हुआ है उसे कुछ शब्दों से भरने की कोशिश की है कवि-लेखक अनिरुद्ध उमट ने. अनिरुद्ध जी करीब 25 सालों से ज्योत्स्ना जी को बहुत करीब से जानते थे. ज्योत्स्ना जी की स्मृति को प्रणाम- जानकी पुल. ================================ …
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